भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने शनिवार को नामांकन कर दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ प्रस्तावक बने। इस दौरान दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य व ब्रजेश पाठक, मंत्री सूर्यप्रताप शाही, मंत्री स्वतंत्रदेव, मंत्री दारा सिंह चौहान, मंत्री ए के शर्मा, कमलेश पासवान, राज्यमंत्री असीम अरुण मौजूद रहे।

वहीं, रविवार को लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में पीयूष गोयल नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान किया जाएगा। दोपहर एक बजे पंकज चौधरी, पीयूष गोयल और विनोद तावड़े के साथ लखनऊ पहुंचे। एयरपोर्ट पर पंकज चौधरी ने ANI से बातचीत में कहा था, आज भाजपा के सभी सांसदों को बुलाया गया है, प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना है, उसमें सबको बुलाया गया है। अब आगे पार्टी तय करेगी।
कौन हैं पंकज चौधरी
पंकज कुर्मी (ओबीसी) समुदाय से आते हैं, जो यूपी में एक बड़ा और महत्वपूर्ण वोट बैंक है। 15 नवंबर 1964 को जन्मे गोरखपुर के उद्योगपति स्वर्गीय भगवती चौधरी एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष उज्ज्वल चौधरी के छोटे सुपुत्र पंकज चौधरी ने गोरखपुर नगर निगम के पार्षद के तौर पर 1989 में राजनीति का सफर शुरू किया। वर्ष 1990 में ही भारतीय जनता पार्टी की जिला कार्य समिति सदस्य हुए।
10वीं लोकसभा में वर्ष 1991 में महराजगंज संसदीय सीट से भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए। 11 वीं और 12 वीं लोकसभा में वर्ष 1996, 1998 में सांसद चुने गए। 1999 में सपा के अखिलेश से हार मिली पर 2004 में फिर निर्वाचित हुए। 2009 में कांग्रेस के स्वर्गीय हर्षवर्धन से हार मिली। 2014 से लगातार लोकसभा के सदस्य हैं।
कुर्मी बिरादरी में है पकड़
कुर्मी समाज में उनकी मजबूत पकड़ और अन्य बिरादरियों में प्रभाव ने उन्हें जिले की राजनीति में मजबूत चेहरा बनाया है। कुर्मी बिरादरी में अच्छी पकड़ के साथ अन्य बिरादरी में भी उनके सोशल इंजीनियरिंग के विरोधी भी कायल हैं। गोरखपुर से अलग होकर जब महराजगंज जिला बना, तब से जिला पंचायत पर भाजपा का वर्चस्व कायम है। उनके भाई प्रदीप चौधरी और मां उज्ज्वला चौधरी जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं। आरक्षण में बदलाव के बाद भी उनके विश्वसनीय सहयोगी ही इस पद पर चुने जाते रहे हैं, जो उनकी राजनीतिक रणनीति की सफल भूमिका को दर्शाता है।






