मिली बड़ी कामयाबी: कैंसर से बचाव होगा बहुत आसान,ये वैक्सीन 20 साल पहले ही बीमारी को रोक देगी 

Spread the love

 

कैंसर वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का कारण रहा है। हर साल इस रोग के कारण लाखों लोगों की मौत हो जा रही है। साल 2023 के आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में कैंसर से लगभग 9.6 से 10 मिलियन (96 लाख से एक करोड़) लोगों की मौत हुई है। यह कैंसर के कारण हर दिन लगभग 26,300 मौतों के बराबर है। यह आंकड़ा इस बीमारी की गंभीरता को दर्शाने के लिए पर्याप्त है।

मेडिकल क्षेत्र में नवाचार और लोगों में बढ़ी जागरूकता के कारण पहले की तुलना में अब समय पर कैंसर का निदान और इलाज जरूर आसान हो गया है हालांकि अधिकतर लोगों के लिए कैंसर अब भी डर का दूसरा नाम है।

 

कैंसर के जोखिमों के बीच सामने आ रही एक खबर राहत देने वाली है। ब्रिटेन के वैज्ञानिक एक ऐसी वैक्सीन बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं जो इस घातक बीमारी को एक-दो नहीं बल्कि 20 साल पहले ही रोक सकती है। हालिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि वैज्ञानिक एक नए ‘कैंसर वैक्सीन’ के साथ चिकित्सा जगत में एक बड़ी सफलता हासिल करने के कगार पर हैं।

 

बीमारी को 20 साल पहले ही रोक सकता है टीका

यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के वैज्ञानिक, फार्मास्युटिकल दिग्गज कंपनी जीएसके के साथ मिलकर एक ऐसी वैक्सीन बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं जो शरीर में ‘अज्ञात कैंसर’ सेल्स का पता लगा सकती है। इतना ही नहीं दावा किया जा रहा है कि ये टीका बीमारी को विकसित होने से 20 साल पहले ही रोक सकता है।

और पढ़े  रक्षा बंधन मुहूर्त: आज देशभर में रक्षाबंधन का उल्लास,राखी बांधने के लिए मिलेगा इतना समय,जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त...

वैज्ञानिकों का कहना है कि ये वैक्सीन प्री-कैंसर स्टेज में ही कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करके उन्हें खत्म कर सकती है। इस वैक्सीन को लेकर यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड में ऑन्कोलॉजी की प्रोफेसर सारा ब्लागडेन ने एक स्थानीय रेडियो से बातचीत में जानकारियां साझा की हैं।

 

शरीर में कैंसर विकसित होने में लगता है करीब दो दशक का समय

प्रोफेसर सारा कहती हैं, हम सभी हमेशा यही सोचते हैं कि शरीर में कैंसर के विकसित होने में लगभग एक या दो साल लगता है, लेकिन वास्तव में अब कई अध्ययन पुष्टि करते हैं कि कैंसर को विकसित होने में 20 साल तक का समय लग सकता है, कभी-कभी इससे भी अधिक। ऐसा इसलिए है क्योंकि एक सामान्य कोशिका को कैंसर कोशिका बनने में बहुत समय लगता है।

हम जानते हैं कि इस समय काल में अधिकांश कैंसर अदृश्य होते हैं, कैंसर सेल्स जब इस अवस्था से गुजर रहे होते हैं तो इसे प्री-कैंसर स्टेज कहा जाता है। इसलिए इस वैक्सीन का उद्देश्य कैंसर के विरुद्ध टीकाकरण करना नहीं है, बल्कि वास्तव में प्री-कैंसर स्टेज में ही कैंसर का पता लगाना और उसे खत्म करना है।

 

क्या कहते  हैं विशेषज्ञ?

प्रोफेसर ब्लैगडेन कहती हैं ‘जीएसके-ऑक्सफोर्ड कैंसर इम्यूनो-प्रिवेंशन प्रोग्राम’ को कई तकनीकी और वैज्ञानिक प्रगति के आधार पर लॉन्च किया गया है, जिसने प्री-कैंसर के खिलाफ वैक्सीन की संभावना को आशा दी है। हम भाग्यशाली हैं क्योंकि हमें बहुत सारी तकनीकी सफलताएं मिली हैं, जिसका मतलब है कि अब हम आमतौर पर पता न लगने वाली चीजों का भी पता लगाने में सक्षम हो रहे हैं।

और पढ़े  PM Modi- ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर बंगलूरू में बोले PM मोदी- दुनिया ने नए भारत का चेहरा देखा

अब तक हम यह पता लगाने में सक्षम हो गए हैं कि कैंसर की ओर बढ़ने वाली कोशिकाओं में क्या विशेषताएं हैं,  इसलिए हम उस दिशा में विशेष रूप से लक्षित एक वैक्सीन डिजाइन करके इसे रोक सकते हैं।

 

कैंसर की पहले भी आ चुकी है वैक्सीन

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वैक्सीन निर्माण के इस प्रोग्राम के लिए जीएसके तीन वर्षों में £50 मिलियन (करीब 538 करोड़ रुपये) का निवेश करेगा। गौरतलब है कि शोधकर्ताओं ने पहले ही ट्यूमर स्पेसिफिक प्रोटीन की पहचान कर ली है, जिन्हें वैक्सीन द्वारा रोका जा सकता है। ये दोबारा से कैंसर होने के खतरे को कम करती हैं। इस नए शोध में कैंसर के फैलने से पहले ही इसे रोकने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस वैक्सीन के नैदानिक परीक्षण सफल रहते हैं और ये वैक्सीन उम्मीद के अनुसार काम करती है तो कैंसर को हराना आने वाले वर्षों में बहुत आसान हो सकता है। अभी इस टीके को विकसित होने में कितना समय लगेगा इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है।

 

 

अस्वीकरण:-  “न्यू भारत” हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को “न्यू भारत” के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। “न्यू भारत” लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

और पढ़े  2025 रक्षाबंधन- हर भाई की कलाई पर सजा बहन का प्यार, सेना प्रमुख ने भी बंधवाई राखी..

Spread the love
  • Related Posts

    आज जेपीसी की एक देश एक चुनाव पर बैठक,विचार साझा करने के लिए कई विशेषज्ञ होंगे शामिल

    Spread the love

    Spread the love     एक देश एक चुनाव विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति की आज संसदीय सौध के मुख्य समिति कक्ष (एमसीआर) में बैठक होगी। यह बैठक दोपहर तीन…


    Spread the love

    भूकंप: तुर्किये में लगे तेज भूकंप के झटके, रिएक्टर पैमाने पर 6.1 मापी गई तीव्रता, 12 इमारतें ढहीं, एक की मौत

    Spread the love

    Spread the love     तुर्किये के उत्तर-पश्चिमी प्रांत बालिकेसिर में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिएक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.1 मापी गई। भूकंप के…


    Spread the love