नैनीताल जू की जलवायु रेड पांडा के लिए बेहद अनुकूल साबित हो रही है। अनुकूल जलवायु और बेहतर रखरखाव के चलते वर्ष 2015 में पहुंचे रेड पांडा का जोड़ा आज आठ सदस्यों का परिवार बन चुका है, जो नैनीताल जू में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
नैनीताल के जीबी पंत उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान में वर्तमान में 210 वन्यजीव मौजूद हैं। जू की जलवायु और अच्छी देखरेख के चलते सभी वन्यजीव यहां लंबे समय तक सुरक्षित रहते हैं। यहां कई वन्यजीवों का परिवार खूब फल फूल भी रहा है। इन जीवों में रेड पांडा लोगों के लिए खास बना हुआ है।
जू के रेंजर प्रमोद तिवारी ने बताया कि नैनीताल जू में रेड पांडा का एक जोड़ा लाया गया था, जिसे बाड़े में रखा गया था। वर्तमान में इनका परिवार बढ़ने के साथ ही उनको तीन बाड़ों में रखा जा रहा है।
बूढ़े हो चले हैं जू में मौजूद रानी और गौरा
नैनीताल जू की शान बढ़ा रहे रानी (बाघ) और गौरा (तेंदुआ) अब बुजुर्ग हो चुके हैं। उम्र 18 वर्ष से ज्यादा होने के चलते अब दोनों कमजोर होने लगे हैं। गौरा की आंख में मोतियाबिंद होने व रानी की उम्र भी ज्यादा होने के चलते दोनों की नजर कमजोर हो चुकी है। जिसके चलते जू प्रबंधन अब इनका विशेष ध्यान दे रहे हैं।
बता दें कि नैनीताल जीबी पंत उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान में वर्तमान में चार बाघ और पांच तेंदुए मौजूद हैं। लेकिन जू की सबसे पुराने बाघ व तेंदुए अब बुजुर्ग हो चुके हैं। रानी ( मादा बाघ) और गौरा ( नर तेंदुआ ) लगभग 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं। जो लगभग बीते 12 वर्षों से जू में पर्यटकों को अपनी सुंदरता से लुभाते आए हैं। लेकिन अब दोनों उम्र की आंखरी पड़ाव में पहुंच चुके हैं। उम्र के आखरी पड़ाव में पहुंचने के साथ गौरा की आंख में पूर्व से मोतिया बिंद होने के चलते उसकी नजर कमजोर हो गई है। जबकि रानी की उम्र बढ़ने के साथ नजर व दांत कमजोर होने लगे हैं। दोनों ज्यादातर बैठे ही रहते हैं। जिसके चलते अब दोनों का जू प्रबंधन की ओर से विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ताकि दोनों को उनके आंखरी समय में कोई परेशानी न हो।
जू के वन क्षेत्राधिकारी प्रमोद तिवारी ने बताया कि जू के सबसे ज्यादा बुजुर्ग बाघ और तेंदुए का विशेष ध्यान दिया जा रहा है। दोनों की डाइट में विटामिन बढ़ाए गए हैं। बताया कि रानी के दांत कमजोर होने के चलते अब उसको मुलायम मांस दिया जा रहा है।