विश्व पर्यटन दिवस:
तीर्थाटन में विश्व में प्रसिद्ध उत्तराखंड अब पर्यटन में नया मुहावरा गढ़ने को बेताब है। प्राकृतिक सुंदरता और संस्कृति से जुड़े अनछुए स्थलों को पर्यटकों के लिए नए डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है।
प्रदेश के सीमावर्ती गांवों में वाईब्रेंट विलेज योजना से ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा देश-दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए एस्ट्रो, एयरो और साहसिक पर्यटन में अनछुए स्थानों को विकसित करने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
निवेशकों को प्रोत्साहित कर रही सरकार
प्रदेश में हर साल पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियाें ने हर बार संख्या में नया रिकार्ड बना रहे हैं। प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल मसूरी, नैनीताल, हरिद्वार, ऋषिकेश में क्षमता से अधिक पर्यटक पहुंच रहे हैं। अब प्रदेश सरकार ने नए पर्यटन डेस्टिनेशन बनाने के साथ अवस्थापना के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित कर रही है।
टिहरी झील को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन डेस्टिनेशन बनाने के लिए 1200 करोड़ की डीपीआर तैयार हो चुकी है। इसके लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक ने 600 करोड़ की राशि मंजूर कर दी है। इसके अलावा साहसिक पर्यटन के लिए ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग, बजी जंपिंग, एयरो पर्यटकों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
पर्यटन क्षेत्र उत्तराखंड के अर्थव्यवस्था की रीढ़ होने के साथ रोजगार का साधन है। प्रदेश में पर्यटन की संभावनाएं हैं। उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिले, इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। हमारा प्रयास है कि राज्य में पर्यटन गतिविधियां पूरे साल भर चलती है। इसके लिए दीर्घकालीन योजना बनाई जा रही हैं। -सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री