पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले में एक निजी मेडिकल कॉलेज की छात्रा से ‘सामूहिक दुष्कर्म’ के मामले में रविवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। फिलहाल पुलिस ने अभी तक तीनों गिरफ्तार आरोपियों की पहचान उजागर नहीं की है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘हमने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। यह एक बेहद संवेदनशील मामला है और हम आगे की जानकारी बाद में देंगे।’
कैसे हुई वारदात?
यह घटना शोभापुर के पास स्थित मेडिकल कॉलेज परिसर में हुई। छात्रा रात करीब 8:30 बजे अपने एक पुरुष मित्र के साथ कॉलेज कैंपस के बाहर खाना खाने गई थी। इस दौरान कैंपस गेट के पास ही एक आरोपी ने उसे जबरन पीछे के सुनसान इलाके में खींच लिया और दुष्कर्म की वारदात को किया। इसके बाद बाकी आरोपियों ने भी घिनौने कृत्य को अंजाम दिया।
पुलिस की कार्रवाई जारी
मामले में पुलिस ने अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और बाकी दो की तलाश में जारी है। कॉलेज स्टाफ और छात्रा के साथ आए दोस्त से भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस परिसर के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है ताकि अपराधियों की पहचान और पुख्ता की जा सके।
ओडिशा सीएम ने पीड़िता के पिता से बात की
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पीड़िता के पिता से फोन पर बात की और उन्हें राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। सीएम माझी के हवाले से, सीएमओ की एक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘आपकी बेटी के बारे में जानकर मुझे बेहद दुख और गहरा सदमा पहुंचा है। मैं उस पिता की मानसिक स्थिति को समझ सकता हूं जिसकी बेटी के साथ ऐसी घटना हुई। इस मुश्किल घड़ी में राज्य सरकार पूरी तरह आपके साथ है।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार फिलहाल मेडिकल छात्रा के शीघ्र स्वस्थ होने और उसके सामान्य जीवन जीने की क्षमता पर जोर दे रही है।
सीएम ममता बनर्जी से ओडिशा के मुख्यमंत्री ने की अपील
सीएम माझी ने पीड़िता के पिता को बताया कि उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का आग्रह किया है। सीएम ने कहा कि ओडिशा के एक वरिष्ठ अधिकारी पश्चिम बंगाल सरकार के संपर्क में हैं और सभी आवश्यक कानूनी सहायता प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने बालासोर जिले के एसपी को दुर्गापुर पुलिस के संपर्क में रहने और आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है। सीएम ने पीड़िता के पिता को परिवार की जरूरत के अनुसार अन्य सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। उसके पिता ने मुख्यमंत्री को उनकी सहानुभूति और सहायता के लिए धन्यवाद दिया।
घटना पर राजनीतिक बयानबाजी जारी
इस घटना ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी दलों के बीच राजनीतिक बयानबाजी शुरू कर दी है। इस घटना पर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने चिंता व्यक्त की और पश्चिम बंगाल की अपनी समकक्ष ममता बनर्जी से अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया। भाजपा ने इस घटना को लेकर टीएमसी सरकार पर तीखा हमला बोला। भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, ‘पश्चिम बंगाल महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। जब तक टीएमसी सरकार जवाबदेह नहीं ठहराई जाती, महिलाएं डर में जीती रहेंगी।’ इसके जवाब में टीएमसी मंत्री शशि पंजा ने भाजपा पर ‘संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति’ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘यह राजनीति का समय नहीं है। पुलिस जांच कर रही है। भाजपा को पहले अपने राज्यों में हो रहे अपराधों पर ध्यान देना चाहिए।’सपा सांसद डिंपल यादव ने भी कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध केवल बंगाल तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में भी पिछले 10 वर्षों में ऐसे अपराध दोगुने से ज्यादा बढ़े हैं। सरकारों को राजनीतिक आरोप लगाने के बजाय ठोस कदम उठाने चाहिए।’
धर्मेंद्र प्रधान ने मांगी निष्पक्ष जांच
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मेडिकल छात्रा के साथ हुए कथित दुष्कर्म की घटना को निंदनीय और दर्दनाक करार दिया और पीड़िता के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से दोषियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच, त्वरित कार्रवाई और सख्त सजा सुनिश्चित करने की अपील की।
दोस्त के साथ बाहर खाना खाने गई थी छात्रा
पुलिस ने शनिवार को बताया कि ओडिशा के जलेश्वर की रहने वाली एक मेडिकल कॉलेज की छात्रा के साथ दुर्गापुर में कुछ लोगों ने कथित तौर पर दुष्कर्म किया। छात्रा की हालत अब स्थिर बताई जा रही है, उसका अस्पताल में ही इलाज चल रहा है और उसने पुलिस को अपना बयान दे दिया है।
डॉक्टर संगठन ने की वारदात की निंदा
इस घटना ने पिछले साल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई जघन्य वारदात की याद ताजा कर दी है, जब एक जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई थी। उस समय राज्यभर में बड़े पैमाने पर विरोध हुआ था। पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फ्रंट (WBDF) ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। संगठन ने कहा कि यह एक और डरावनी याद है कि महिलाएं अब भी शैक्षणिक संस्थानों में सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई से इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर न्यायिक जांच की मांग की है।








