मौनी अमावस्या पर पुण्य की डुबकी लगाने के बाद रेलवे स्टेशनों पर आने वाले श्रद्धालुओं को लंबी दूरी तय करनी पड़ी। कोई साधन नहीं मिलने की वजह से लोगों को प्रयागराज जंक्शन, रामबाग ओर प्रयाग आदि रेलवे स्टेशन से संगम पहुंचने और वापस आने के लिए 20 से 25 किमी का पैदल ही सफर तय करना पड़ा।
जगह-जगह बैरिकेडिंग होने से लोग पुलिस कर्मियों से यह भी कहते नजर आए, ‘दरोगाजी और कितना चलवाओगे, अब पैरों में जान नहीं बची है।’
मकर संक्रांति पर प्रयागराज जंक्शन पर उमड़ी भीड़ की वजह से बुधवार को सिविल लाइंस साइड से आने वाले श्रद्धालुओं को वाया खुसरो बाग आश्रय स्थल से लाया जाता रहा।यहां पहुंचे श्रद्धालुओं का थकान की वजह से बुरा हाल रहा।
यहां तैनात पुलिस कर्मियों और आरपीएफ जवानों से लोग कहते नजर आए, ‘भाई, सच-सच बताओ कि अभी स्टेशन कितना दूर है।’ जवान जब बोलते महज 100 मीटर दूर स्टेशन है तो श्रद्धालुओं का जवाब रहता कि भैया झूठ न बोलना, क्योंकि संगम से स्नान करने के बाद चार घंटे हो गए। पैदल चलते-चलते और हर जगह सुरक्षा कर्मी यही बोल रहे हैं कि स्टेशन पास में ही है।