2025 महाकुंभ: दरोगाजी अभी कितना चलाओगे,अब नहीं बची पैरों में जान, संगम जाने और वापस आने में इतना चलना पड़ रहा है पैदल

Spread the love

मौनी अमावस्या पर पुण्य की डुबकी लगाने के बाद रेलवे स्टेशनों पर आने वाले श्रद्धालुओं को लंबी दूरी तय करनी पड़ी। कोई साधन नहीं मिलने की वजह से लोगों को प्रयागराज जंक्शन, रामबाग ओर प्रयाग आदि रेलवे स्टेशन से संगम पहुंचने और वापस आने के लिए 20 से 25 किमी का पैदल ही सफर तय करना पड़ा।

जगह-जगह बैरिकेडिंग होने से लोग पुलिस कर्मियों से यह भी कहते नजर आए, ‘दरोगाजी और कितना चलवाओगे, अब पैरों में जान नहीं बची है।’

मकर संक्रांति पर प्रयागराज जंक्शन पर उमड़ी भीड़ की वजह से बुधवार को सिविल लाइंस साइड से आने वाले श्रद्धालुओं को वाया खुसरो बाग आश्रय स्थल से लाया जाता रहा।यहां पहुंचे श्रद्धालुओं का थकान की वजह से बुरा हाल रहा।

 

यहां तैनात पुलिस कर्मियों और आरपीएफ जवानों से लोग कहते नजर आए, ‘भाई, सच-सच बताओ कि अभी स्टेशन कितना दूर है।’ जवान जब बोलते महज 100 मीटर दूर स्टेशन है तो श्रद्धालुओं का जवाब रहता कि भैया झूठ न बोलना, क्योंकि संगम से स्नान करने के बाद चार घंटे हो गए। पैदल चलते-चलते और हर जगह सुरक्षा कर्मी यही बोल रहे हैं कि स्टेशन पास में ही है।

मुरादाबाद से आए ब्रजेश कुमार ने बताया कि सुबह चार बजे स्नान करने के बाद साथियों के साथ 12 बजे स्टेशन पहुंच सके। फर्रुखाबाद से पहुंची वंशिका कटियार ने कहा कि सुबह से पैदल चलते-चलते हालत खराब हो गई है।

वहीं, चित्रकूट से आए देव बिहारी शर्मा ने कहा कि खुसरोबाग प्रवेश के दौरान दो साथी बिछड़ गए, अब उन्हीं को ढूंढ रहा है। थकान के मारे अब चलने की हिम्मत नहीं हो रही। इसी तरह पटना से पहुंची रिंकी कुमारी ने कहा कि वह दस लोग आए थे, लेकिन स्नान के बाद पांच लोग बिछड़ गए। उन्हीं का इंतजार हो रहा है।
और पढ़े  नाबालिंग के साथ दुष्कर्म: 14 साल के लड़के ने 13 साल की किशोरी से किया दुष्कर्म, बाथरूम में नहा रही थी, अचानक आ गया अन्दर, पीड़िता है गर्भवती

गौरतलब है कि खुसरोबाग आश्रय स्थल को भी चार रंग में बांटा गया, ताकि भीड़ बढ़ने के बाद हर लेन से निकाला जा रहा था। उधर, प्रयागराज जंक्शन का प्लेटफाॅर्म खाली होते ही एक साथ दो हजार से अधिक यात्रियों को ट्रेन पकड़ने के लिए भेजा जा रहा था।

Spread the love
error: Content is protected !!