
2022 dIwali- आज दीपावली रोशनी का पर्व जानें राजयोग में क्या है लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त, और पूजा की विधि।।
दिवाली पर मां लक्ष्मी को कैसे करें प्रसन्न
दिवाली की शाम को लक्ष्मी पूजा में इन चीजों को करें शामिल…
. शंख
. कमल का फूल
. गोमती चक्र
. धनिया के दाने
. कच्चा सिंघाड़ा
. मोती
. कमलगट्टे का माला
दीवाली पर लक्ष्मी पूजा का विशेष विधान है। इस दिन संध्या और रात्रि के समय शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी, विघ्नहर्ता भगवान गणेश और माता सरस्वती की पूजा और आराधना की जाती है। पुराणों के अनुसार कार्तिक अमावस्या की अंधेरी रात में महालक्ष्मी स्वयं भूलोक पर आती हैं और हर घर में विचरण करती हैं। इस दौरान जो घर हर प्रकार से स्वच्छ और प्रकाशवान हो, वहां वे अंश रूप में ठहर जाती हैं इसलिए दीवाली पर साफ-सफाई करके विधि विधान से पूजन करने से माता महालक्ष्मी की विशेष कृपा होती है। लक्ष्मी पूजा के साथ-साथ कुबेर पूजा भी की जाती है। पूजन के दौरान इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
दीवाली के दिन लक्ष्मी पूजन से पहले घर की साफ-सफाई करें और पूरे घर में वातावरण की शुद्धि और पवित्रता के लिए गंगाजल का छिड़काव करें। साथ ही घर के द्वार पर रंगोली और दीयों की एक शृंखला बनाएं।
पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और लाल कपड़ा बिछाकर उस पर लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्ति रखें या दीवार पर लक्ष्मी जी का चित्र लगाएं। चौकी के पास जल से भरा एक कलश रखें।
माता लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति पर तिलक लगाएं और दीपक जलाकर जल, मौली, चावल, फल, गुड़, हल्दी, अबीर-गुलाल आदि अर्पित करें और माता महालक्ष्मी की स्तुति करें।
इसके साथ देवी सरस्वती, मां काली, भगवान विष्णु और कुबेर देव की भी विधि विधान से पूजा करें।
महालक्ष्मी पूजन पूरे परिवार को एकत्रित होकर करना चाहिए।
महालक्ष्मी पूजन के बाद तिजोरी, बहीखाते और व्यापारिक उपकरण की पूजा करें।
पूजन के बाद श्रद्धा अनुसार ज़रुरतमंद लोगों को मिठाई और दक्षिणा दें।
आज प्रभु राम के 14 वर्षों के वनवास पूरा होने और लंका पर विजय हासिल करने के बाद अयोध्या वापस आने की खुशी में देश में पूरे उत्साह के साथ दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है। दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा होती है। आज कार्तिक अमावस्या पर चित्रा नक्षत्र, विष्कुंभ योग और स्थिर वृषभ लग्न में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर देवता और अपने कुल देवता की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजे के बाद शुरू हो जाएगा। दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा हमेशा प्रदोष काल और स्थिर लग्न में करना शुभ माना गया है। मां लक्ष्मी की पूजा से व्यक्ति को उनका आशीर्वाद मिलता है जिससे उनके जीवन में कभी भी धन-दौलत और ऐशोआराम की कमी नहीं होती है।
यहां देखें आज दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के सभी मुहूर्त
कार्तिक अमावस्या तिथि आरंभ: 24 अक्टूबर, 2022 को शाम 05 बजकर 29 मिनट से।
कार्तिक अमावस्या तिथि समाप्त: 25 अक्टूबर 2022 को शाम 04 बजकर 20 मिनट पर।
अमावस्या निशिता काल: 11 बजकर 39 से 00:31 तक।
कार्तिक अमावस्या सिंह लग्न का समय: रात 01:26 से 03:44 बजे।
अभिजीत मुहूर्त का समय: सुबह 11:19 बजे से दोपहर 12:05 बजे तक है।
विजय मुहूर्त आरंभ: 24 अक्टूबर को 01:36 से 02:21 तक।
दिवाली 2022: लक्ष्मी पूजा का समय और मुहूर्त
लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त: 18:54 से 20:16 मिनट तक
पूजा अवधि: 1 घंटा 21 मिनट
प्रदोष काल: 17:43 से 20:16 मिनट तक
वृषभ काल: 18:54 से 20:50 मिनट तक
दिवाली 2022 महानिशिता काल मुहूर्त
लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त: 23:40 से 24:31 मिनट तक
पूजा अवधि: 0 घंटे 50 मिनट
महानिशीथ काल: 23:40 से 24:31 मिनट तक
सिंह काल: 25:26:25 से 27:44:05 तक
दीपावली शुभ चौघड़िया मुहूर्त
संध्या मुहूर्त (अमृत, चर): 17:29 से 19:18 मिनट तक
रात्रि मुहूर्त (लाभ): 22:29 से 24:05 मिन तक
रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत,चल): 25:41:06 से 30:27:51