धर्मनगरी अयोध्या की 14 कोसी परिक्रमा मंगलवार देर रात से शुरू हो गई। परिक्रमा का मुहूर्त मंगलवार रात 12:48 बजे से था, लेकिन मुहूर्त से पहले ही रात 10:30 बजे से ही आस्था के पथ पर लाखों पग निकल पड़े।परिक्रमा पथ पर गूंजे जय श्रीराम, राम-राम और सीताराम के स्वर ध्वनित हो रहे थे। परिक्रमा को देखते हुए रामनगरी में यातायात डायवर्जन लागू कर दिया गया है। अयोध्या में सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है।14 कोसी परिक्रमा में जैैसे-जैैसे रात चढ़ती गई, आस्था के पथ पर श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ती रही। सुबह होते-होते अयोध्या-फैजाबाद मानव-श्रृंखला में बंध सी गई।ऐसा लगा जैसे कि दोनों नगरों को भक्तों की माला पहना दी गई है। श्रद्धालुओं ने परिक्रमा पथ पर अपनी-अपनी सुविधा के अनुसार पहले से निश्चित किए गए स्थान से परिक्रमा के लिए कदम बढ़ाया।दरसअल यह अयोध्या, दर्शननगर, भीखापुर, देवकाली, जनौरा, नाका हनुमानगढ़ी, मोदहा, सिविल लाइंस स्थित हनुमान मंदिर, सहादतगंज, अफीम कोठी आदि स्थानों से श्रद्धालुओं ने पूरे भक्ति की रौ में परिक्रमा करनी शुरू कर दी।वही नयाघाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने रात में ही पावन सलिला सरयू में डुबकी लगाई और परिक्रमा मुहूर्त का इंतजार करने लगे। श्रद्धालुओं की सेवा के लिए जगह-जगह सेवा शिविर भी लगे हुए थे। जलपान से लेकर चिकित्सा के पूरे इंतजाम परिक्रमा पथ पर दिखे।इससे पूर्व परिक्रमा को लेकर रामनगरी सुबह से ही भक्तों से गुलजार हो उठे। अयोध्या में उमड़े भक्तों ने पावन सलिला सरयू में डुबकी लगाई इसके बाद विभिन्न मंदिरों में दर्शन-पूजन किया।बता दें कि14 कोसी परिक्रमा में प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। सुरक्षा की कमान एटीएस व आरएएफ ने संभाल ली है। मेले की निगरानी सीसीटीवी व ड्रोन कैमरों से की जा रही है।परिक्रमा पथ के छह संवेदनशील स्थानों पर ड्रोन से प्रत्येक गतिविधि पर निगाह रखी जा रही है।