उत्तराखंड में आज सावन का पहला सोमवार है और सुबह से ही लगातार बारिश जारी है। लेकिन बारिश और कोरोना की तीसरी लहर की तमाम खबरों के बीच लोगों की आस्था कम नहीं हुई। सावन भगवान शिव का सबसे प्रिय माह होता है। इस बार सावन का पहला सोमवार होने से मंदिरों में जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की लंबी लाइन लग गई। मैदानी क्षेत्रों में सावन का पहला सोमवार 25 जुलाई को है। वहीं कोरोना संक्रमण को देखते हुए शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करने के लिए कहा गया है। देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश और हल्द्वानी के साथ ही राज्य के सभी शिवालयों में पूजा अर्चना का दौर जारी है। पंडित कामेश्वर प्रसाद उनियाल का कहना है कि भगवान शिव का जल धारा, बिल्व पत्र और दूध-दही से अभिषेक करना चाहिए। सावन माह में की गई शिव उपासना बहुत ही फलदायी होती है और इसका फल बहुत जल्दी मिलता है। देवलसारी मंदिर के पुजारी गगन भट्ट ने जलाभिषेक करने आने वाले श्रद्धालुओं से मास्क पहनकर आने की अपील की है। हालांकि मैदानी क्षेत्रों में सावन का पहला सोमवार 25 जुलाई को है।इस बार सावन में चार सोमवार आएंगे। छह अगस्त को प्रदोष व्रत रहेगा। वहीं 13 अगस्त नाग पंचमी आएगी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सावन भगवान शंकर का महीना माना जाता है। कहा जाता है कि कण-कण में भगवान शिव का वास है।
सावन का महीना 16 जुलाई शुक्रवार से शुरू हो गया है। सावन में सोमवार को भगवान शिव की पूजा फलदायी मानी जाती है। इस बार सावन में चार सोमवार आएंगे।
सावन : कोरोना महामारी व बारिश पर भारी पड़ी आस्था, उत्तराखंड में सावन का पहला सोमवार आज
