कोरोना बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों के साथ ही महिलाओं के लिए भी कई समस्याएं खड़ी कर रहा है। कोरोना जहां गर्भवती और गर्भस्थ शिशु पर प्रभाव डाल रहा है, वहीं महिलाओं के माहवारी चक्र को भी प्रभावित कर रहा है।
स्त्री रोग विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना संक्रमित महिलाओं में अनियमित माहवारी के साथ ही कई अन्य शारीरिक समस्याएं देखने को मिल रही हैं। ऐसे मेें कोरोना से ठीक होने के बाद पौष्टिक खानपान और संतुलित जीवनशैली अपनाकर तमाम समस्याओं से निजात पाई जा सकती है।
राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित वरिष्ठ स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता संजय का कहना है कि गर्भवती महिलाओं के साथ ही स्वस्थ महिलाओं को भी विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है। माहवारी के दौरान महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
डिसमेनोरिया की शिकायत
ऐसी स्थिति में महिलाओं के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। इन परिस्थितियों में महिलाओं को कोरोना संक्रमण से बचने को लेकर खास एहतियाती कदम उठाना चाहिए।
कोरोना संक्रमण के चलते महिलाओं में एमेनोरिया यानी कभी-कभी माहवारी का नहीं आना जैसी समस्याएं भी देखने को मिल रही है।
वहीं, मानसिक तनाव से जूझ रही कई महिलाएं डिसमेनोरिया की शिकायत दर्ज करा रही हैं। डिसमेनोरिया होने से माहवारी के दौरान गर्भाशय में असहनीय पीड़ा होती है।
डॉ. सुजाता का मानना है कि महिलाएं किसी भी सूरत में मानसिक तनाव न पालें। तनाव कम करने के लिए तुलसी के पत्ते खाएं और तुलसी की चाय पिएं। शहद और नींबू के साथ ग्रीन टी पीने से भी तनाव कम होता है। अश्वगंधा की जड़ को रोज रात में एक गिलास गर्म दूध में उबालकर पीने से महिलाओं को फायदा होगा।