विकास को रफ्तार : प्रधानमंत्री मोदी आज लॉन्च करेंगे “गति शक्ति योजना”,देखे हमारी खबर में क्या है यह मास्टर प्लान ।

Spread the love

भारत में बुनियादी ढांचे के विकास को रफ्तार देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान ‘पीएम गति शक्ति योजना’ की शुरुआत करेंगे।

इस मौके पर प्रधानमंत्री प्रगति मैदान में नए प्रदर्शनी परिसर हॉल दो से पांच को भी देश को समर्पित करेंगे। इस योजना के अंतर्गत किसी भी योजना के निर्माण, डिजाइन में भारतमाला, सागरमाला, अंतरदेशीय जलमार्ग, शुष्क भूमि, बंदरगाह, उड़ान जैसे विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकार की ढांचागत परियोजनाओं को शामिल किया जाएगा।

‘पीएम गति शक्ति’ योजना से परियोजनाओं की लागत और रखरखाव पर आने वाले खर्च में कमी आएगी, वहीं रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यह रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला एक डिजिटल मंच है, जिसके द्वारा करीब 100 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास को रफ्तार मिलेगी। 15 अगस्त को पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से इसकी घोषणा की थी।

फाइल में नहीं उलझेगी कोई योजना
देश में ये आम बात है कि कहीं सड़क बनी और थोड़े दिन बाद ही केबल बिछाने के लिए नई सड़क को खोद दिया जाता है। इसी तरह से सैंकड़ों करोड़ रुपये खर्च होने के बाद कई प्रोजेक्ट रुके मिलते हैं क्योंकि वन और पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिल पाती है। ‘पीएम गति शक्ति योजना’ से ऐसी समस्याओं को सुलझाने में मदद मिलेगी। इसके लिए 16 मंत्रालयों का एक ग्रुप बनाया गया है, जो मुख्यतः आधारभूत संरचनाओं से संबंधित है। इसमें रेलवे, सड़क परिवहन, पोत, आईटी, टेक्सटाइल, पेट्रोलियम, ऊर्जा, उड्डयन जैसे मंत्रालय शामिल हैं। इन मंत्रालयों के जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं या 2024-25 तक जिन योजनाओं को पूरा करना है, उन सबको ‘गति शक्ति योजना’ के अंतर्गत डाल दिया जाएगा।

और पढ़े  विश्व पर्यावरण दिवस: प्रधानमंत्री मोदी करेंगे 1 पेड़ मां के नाम अभियान की शुरुआत, कई राज्यों के मुख्यमंत्री होंगे शामिल

सैटेलाइट से होगी मॉनिटरिंग
उन सभी योजनाओं को एक नेशनल मास्टर प्लान के अंदर रखा जायेगा। इसमे सभी 16 मंत्रालयों के ज्वाइंट सेक्रेटरी लेवल के अधिकारी और विशेषज्ञ होंगे। ये लोग सैटेलाइट से लिए गए 3 डी इमेज के जरिये उन योजनाओं का मूल्यांकन करेंगे और अपनी राय उन योजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए देंगे।

विभागों के बीच बढ़ेगा तालमेल
ऐसा नहीं कि प्रधानमंत्री मोदी के दिमाग में सबको एक प्लेटफॉर्म पर लाने का आइडिया अभी आया है, बल्कि 2014 में सत्ता में आने के बाद ही वे इस विजन को मूर्त रूप देने में लग गये थे। इसके लिए पहले उन्होंने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर का गठन किया था, जो इस तरह के प्रोजेक्ट पर राय बनाए। लेकिन शायद वो वित्तीय और कानूनी मामलों पर ही फोकस कर पाया। उन्होंने सचिवों की समिति भी बनाई थी जो हर महीने अलग-अलग विभागों की योजनाओं की समीक्षा के लिए बैठकें भी करते रहते हैं।

‘गति शक्ति’ मुख्य तौर पर योजनाओं की तमाम बाधाओं को दूर करने, विभागों में बेहतर समन्वय और उसमें राज्यों को भी शामिल करने की बृहत योजना है। जो पोर्टल लॉन्च होगा उसमें आने वाले समय में शासन को सबसे निचले स्तर तक जोड़ने की कल्पना है यानी नगर निगमों को भी जोड़ा जायेगा। इससे केंद्रीय योजनाओं और राज्य की योजनाओं में बेहतर तालमेल बनेगा।

विकास को ऐसे मिलेगी रफ्तार
गति शक्ति योजना के द्वारा देश में उड़ान (UDAN) के तहत क्षेत्रीय संपर्क में तेजी आएगी। साल 2024-25 तक एयरपोर्ट/हेलीपोर्ट/वाटर एयरोड्रम्स की संख्या बढ़कर 220 हो जाएगी।
साल 2024-25 तक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा संचालित राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार कर दो लाख किमी लंबाई तक किया जाएगा।
रक्षा उत्पादन में भी काफी तेजी आएगी। करीब 20,000 करोड़ रुपये के निवेश से उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो डिफेंस कॉरिडोर बनाने की योजना है।
इस योजना से साल 2024-25 तक देश में रेलवे की कार्गो हैंडलिंग क्षमता को मौजूदा 1200 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 1600 मीट्रिक टन तक किया जा सकेगा। इससे दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण में भी तेजी आएगी।
साल 2024-25 तक देश में गैस पाइपलाइन नेटवर्क को दोगुना कर 34,500 किमी तक करने की है।
साल 2027 तक हर राज्य को नेचुरल गैस पाइपलाइन से जोड़ने की सरकार की योजना में गति शक्ति की अहम भूमिका होगी।
साल 2024 तक दूरसंचार विभाग द्वारा 35 लाख किमी का ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाने का प्लान है। इसी तरह ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा ट्रांसमिशन नेटवर्क बढ़ाकर 4.52 लाख किमी सर्किट तक किया जाएगा।
फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री द्वारा देश में करीब 200 मेगा फूड पार्क बनाने, फिशिंग क्लस्टर बढ़ाकर 202 तक करने, 15 लाख करोड़ के टर्नओवर वाले 38 इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर बनाने, 90 टेक्सटाइल क्लस्टर बनाने और 110 फार्मा एवं मेडिकल डिवाइस क्लस्टर बनाने का लक्ष्य है।
मास्टर प्लान के तहत चार इंडस्ट्रियल नॉड बनाने का प्रस्ताव है। ऐसा एक इंडिस्ट्रियल नॉड यूपी के दादरी, एक कर्नाटक के तुमुकुर और एक महाराष्ट्र के बिडकिन में होगा।

और पढ़े  मातम में बदला IPL चैंपियन RCB की जीत का जश्न, जमीन पर गिरते रहे लोग, गूंजती रही चीखें

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!