मोटाहल्दू। इन दिनों बेजुबान और बेसहारा जानवरों पर आफत टूटी हुई है। सड़कों और गलियों में घूमने वाले इन बेजुबान जानवरों की कोई सुध लेने वाला नहीं है। ऐसे में लालकुंआ शहर के कई युवा बेसहारा जानवरों को सहारा बन नई मिसाल पेश कर रहे हैं। जानवरों को खाना खिलाना और उनकी देखभाल करना, अब उनकी दिनचर्या में शामिल हो गया है। बीमार पड़ने वाले जानवरों का अपने खर्च पर इलाज करा यह युवा अन्य लोगों के लिए मिसाल बनकर सामने आ रहे हैं। बेजुबान जानवरों पर लॉकडाउन में टूटी आफत में उनका सहारा बनने के लिए इन युवाओं की तरह लोगों को आगे आना चाहिए।
लालकुंआ विधानसभा क्षेत्र में टीम संजीवनी हेल्पिंग हैंड ने बेजुबान बेसहारा जानवरों के लिए रोड सेफ्टी बेल्ट लगाने की मुहिम जारी कर की है। जोकि एक अनोकी पहल है, जिसमे की एक खास किस्म की बेल्ट जानवरों के गले में लगाई जा रही है, जिसमे रेडियम की पट्टी लगी है, ये बेल्ट रात्रि में रोड पे चलने वाले वाहन की लाइट से जानवरों के गले में चमक जाएगी जिससे की वाहन चालक सतर्क हो जायेगा। इसके साथ ही और गति कम कर देगा जिससे जानवरों के एक्सीडेंट होकर घायल होने की संभावना कम हो जायेगी। उक्त संस्था के युवाओं ने लोगो से अपील की उम्मीद है की आप भी इस मुहिम का हिस्सा जरूर बनेंगे ।
ये लोग निःस्वार्थ कर रहे सेवा
बॉक्स: बेजुबान और बेसहारा जानवरों की सेवा में संजीवनी हेल्पिंग हैंड संस्था के दो दर्जन से अधिक सदस्य इस पर काम कर रहे है, इसमे कई छात्रसंघ से जुड़े हुए युवा है तो कुछ समाजसेवी भी जोरो से यह कार्य को अंजाम देते है। विगत तीन-चार महीनों से संस्था के सदस्य न तो आंधी तूफान देखते है और न ही चिलचिलाती धूप(गर्मी) हो या फिर बरसात ये सभी सदस्य दिन- रात निःस्वार्थ भाव से जानवरो की सेवा के लिए एक फोन की घण्टी में ही जगह जगह पहुँच जाते है। संस्था के सदस्यों ने बताया कि वह अभी तक लगभग 4 दर्जन से अधिक जानवरों को उपचार दे चुके हैं इनमें से कई जानवर स्वस्थ होकर फिर से टहलने लगे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है, की बेजुबान जानवरों को सड़कों में ना छोड़े।