जिलाधिकारी डाॅ. विजय कुमार जोगदण्डे ने आज जनपद में डेंगू नियंत्रण/रोकथाम हेतु वर्चुअल माध्यम से डंेगू रोधी अंतरविभागीय समन्वय बैठक ली। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत डेंगू के प्रभावकारी नियंत्रण/रोकथाम हेतु विशेष अभियान चलाकर अपने संसाधन का प्रयोग करते हुए आवश्यक कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि डेंगू के रोकथाम एवं जन-जागरूकता हेतु नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, सभी ग्राम पंचायतों में बैनर/पोस्टर लगाना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी डाॅ. जोगदण्डे ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि डेंगू के रोकथाम एवं जन-जागरूकता हेतु नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, सभी ग्राम पंचायतों में बैनर/पोस्टर लगाना सुनिश्चित करें। कहा कि बैनर/पोस्टर हेतु प्रचार सामाग्री उपलब्ध करा दी जायेगी। कहा कि ग्राम पंचायतों हेतु जिला पंचायत राज अधिकारी के माध्यम से प्रचार सामाग्री उपलब्ध करायी जायेगी। कहा कि डेंगू मच्छर के लारवा एक दो साल जीवित रहता है, इसलिए पहली बरसात के एक-दो सप्ताह डेंगू मच्छर के फैलने का अधिक खतरा रहता है। उन्होंनेे निर्देशित किया कि बरसात से पहले ही पेयजल टैंक, कम्यूनिटी प्लेस, स्कूल, पानी जमावाड़ा स्थल, नाली आदि स्थानों पर साफ-सफाई एवं दवाई छिड़काव करना सुनिश्चित कर लें।
उन्होंने कहा कि नगर निगम में प्रतिवर्ष डेंगू नियंत्रण हेतु कार्यक्रम चलाये जाते हैं और गत वर्ष भी काफी प्रयास किया गया, जिसके कारण डेंगू मरीज की संख्या अति न्यून हुई है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि डेंगू के रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु पोस्टर/बैनर लगाकर प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि डेंगू का मच्छर गर्म क्षेत्र में ज्यादा पनपता है और इस दृष्टि से कोटद्वार और श्रीनगर को अति संवदेशील क्षेत्र है। उन्होंने नगर निगम कोटद्वार एवं नगर पालिका परिषद् श्रीनगर के अधिकारियों निर्देशित करते हुए कहा कि पिछल एक-दो साल में जिस क्षेत्र में डेंगू के पाॅजिटिव केस मिले हैं, उन स्थानों की सूची प्राप्त कर लें तथा बरसात से पूर्व ही उचित कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। कहा कि पानी के फैलाव/वृद्धि को रोकने के लिए नियमित रूप सफाई/दवाई छिड़काव करते रहें। साथ ही नालीयों की साफ-सफाई तथा घर के आस-पास पानी के टैंकों की नियमित रूप से सफाई और दवाई का छिड़काव करना सुनिश्चित करें और ध्यान रहेे कि कहीं पानी का जमावाड़ा न हो। उन्होंने नगर निगम और नगर पालिका के अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्र में डेंगू मच्छर के लारवा की संख्या में कमी करने के लिए नियमित रूप से दवाई छिड़काव करें।
उन्होंने जल संस्थान और जल निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि पानी के टैंकों में नियमित रूप से छिड़काव करें और पानी की निकासी की कार्रवाई भी करें। कहा कि पानी के जमावाड़े, फिशरी टैंक, पानी लिकेज, नाली, पानी के टैंक के आस-पास डेंगू बचाव के उपाय करें। शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया कि जनपद में जितने भी विद्यालय हैं, स्कूल/काॅलेज खुलने से पहले विशेष अभियान चलाकर साफ-सफाई करवा ली जाय तथा नगर निगम/नगर पालिका/नगर पंचायत के माध्यम से दवाई छिड़काव कर लिया जाय।
उन्होंने निर्देशित किया कि नगर पालिका/नगर पंचायत/आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करें कि डेंगू एक सामान्य बीमारी है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है। कहा कि डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है, इसकी उड़ने की क्षमता 3-4 फिट ही होती है और इसकी पहचान सफेद और काले रंग की पट्टिया होती हैं। कहा कि डेंगू मच्छर से बचाव के लिए जरूरी है कि माॅसकिटो काॅयल का प्रयोग करें, फुल स्लीप के कपड़े पहने, हाथ-पैरों का कवर करें, बैड को 3 फिट ऊंचा रखें आदि बातों का ध्यान रखें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. मनोज शर्मा ने कहा कि डेंगू बीमारी के लक्षण तेज बुखार, उल्टी आना, शरीर पर लाल चकते पड़ना आदि है। कहा कि बुखार को कन्ट्रोल करने के लिए पेरासिटामाॅल का प्रयोग कर सकते है। उन्होंने कहा कि भूलकर भी बु्रफिन या डिसप्रिन दवा का सेवन न करें, इससे स्वास्थ्य और खराब होता है। उन्होंने कहा कि हर बुखार डेंगू का नही होता है, डेंगू के लक्षण होने पर समय से डाॅक्टर की सलाह लें और डाॅक्टर की सलाह पर ही दवा का सेवन करें।
पौड़ी गढ़वाल : डीएम ने ली डेंगू नियंत्रण/रोकथाम संबंधी बैठक
