
पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे और नाराजगी का मसला हल कर लिया गया है। सूत्रों के अनुसार पंजाब भवन में तीन घंटे से भी अधिक समय तक चली बैठक में हाईकमान के पर्यवेक्षक हरीश चौधरी और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अहम भूमिका निभाई।
नवजोत सिंह सिद्धू तीन सदस्यीय कमेटी के गठन पर सहमत हो गए हैं और उनके इस्तीफे को हाईकमान ने नामंजूर कर दिया है। इस तरह सिद्धू अब प्रदेश कांग्रेस के प्रधान बने रहेंगे। हालांकि कांग्रेस पार्टी और किसी नेता की तरफ से कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ लेकिन पता चला है कि विवाद इस मुकाम पर आकर हल हुआ कि मुख्यमंत्री चन्नी ने अधिकारियों को हटाने की सिद्धू की मांग को यह कहकर ठंडे बस्ते में डाल दिया कि भविष्य में इस तरह के मामलों में सिद्धू की भी राय ली जाएगी।
वहीं, हरीश चौधरी ने नई दिल्ली में बैठे पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत के साथ बातचीत करने के बाद एक तीन सदस्यीय कमेटी बनाने का फैसला लिया, जो प्रदेश कांग्रेस और राज्य सरकार के बीच तालमेल बनाने में अहम भूमिका निभाएगी। इस कमेटी में मुख्यमंत्री चन्नी, नवजोत सिद्धू और हरीश चौधरी को शामिल किया गया है।
जानकारी के अनुसार, नवजोत सिद्धू ने भी तीन सदस्यीय कमेटी के गठन पर सहमति जता दी है। उल्लेखनीय है कि सिद्धू ने डीजीपी और एडवोकेट जनरल के पदों पर मुख्यमंत्री द्वारा की गई नियुक्तियों पर एतराज जताते हुए प्रदेश प्रधान पद से अपना इस्तीफा हाईकमान को भेज दिया था।
हाईकमान ने सिद्धू का इस्तीफा नामंजूर करते हुए पंजाब के कांग्रेस नेताओं को अपने स्तर पर विवाद सुलझाने के निर्देश दिए, हालांकि इसके लिए अपने तीनों पर्यवेक्षकों को भी जिम्मेदारी सौंप दी थी। इस दौरान मुख्यमंत्री चन्नी ने सिद्धू को फोन करके इस्तीफे की वजह जाननी चाही, जिस पर सिद्धू ने उनसे दो दिन बाद मिलने की बात कही।
गुरुवार दोपहर सिद्धू ने ट्वीट किया कि चन्नी के बुलावे पर वे पंजाब भवन में मुख्यमंत्री से मिलेंगे। पंजाब भवन में बैठक के दौरान चन्नी, सिद्धू और हरीश चौधरी ही मौजूद रहे। सिद्धू पंजाब के कार्यकारी डीजीपी और एडवोकेट जनरल को हटाने की मांग पर अड़े थे लेकिन मुख्यमंत्री इस बात पर कायम थे कि इन दोनों पदों पर नियुक्तियां हाईकमान की मंजूरी के बाद की गई हैं।
सूत्रों के अनुसार, चन्नी ने बैठक में सिद्धू को भरोसा दिलाया कि आगामी नियुक्तियों के समय वे प्रदेश अध्यक्ष की भी राय लेंगे। इसके बाद भी सिद्धू अपने रुख पर अड़े रहे लेकिन हाईकमान द्वारा तीन सदस्यीय कमेटी बनाने के फैसले के कारण उन्होंने अपनी मांगों को लेकर विवाद को ज्यादा नहीं बढ़ाया।
हरीश चौधरी बन सकते हैं पंजाब के प्रभारी
कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार पार्टी हाईकमान ने पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत के निवेदन को आखिरकार सुन लिया है। उत्तराखंड चुनाव को देखते हुए पार्टी ने रावत को पंजाब की जिम्मेदारी से मुक्त करके उत्तराखंड में काम संभालने का फैसला किया है। रावत के स्थान पर हरीश चौधरी को पंजाब मामलों का प्रभारी बनाने की भी चर्चा है। इस संबंध में पार्टी हाईकमान द्वारा जल्द ही घोषणा की जा सकती है।