पंजाब की नई कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में शुरू हो चुका है। शपथ ग्रहण से ठीक पहले मंत्रियों की सूची में बड़ा फेरबदल किया गया है। फतेहगढ़ साहिब से विधायक कुलजीत सिंह नागरा की जगह अमलोह से विधायक काका रणदीप का नाम शामिल किया गया है।
नागरा की जगह रणदीप ने ली शपथ
फतेहगढ़ साहिब से विधायक कुलजीत सिंह नागरा का नाम 15 मंत्रियों की सूची से हटा दिया गया है। उनके स्थान पर रणदीप सिंह को मंत्री पद की शपथ दिलाई कई। रणदीप सिंह अमलोह से विधायक हैं। विधायक कुलजीत सिंह नागरा ने कहा कि मैंने कृषि कानूनों के विरोध में इस्तीफा दे दिया था। मैंने राज्य मंत्रिमंडल में शामिल होने से मना कर दिया था। भारत भूषण आशू, डॉ. राजकुमार वेरका, संगत सिंह गिलजियां, परगट सिंह और गुरकीरत सिंह कोटली ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
विरोध के बीच राणा गुरजीत बने मंत्री
छह विधायकों के विरोध के बीच आखिरकार राणा गुरजीत सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली। दोपहर में दोआबा के छह विधायकों ने नवजोत सिंह सिद्धू को संयुक्त पत्र लिख कर राणा गुरजीत सिंह को मंत्री नहीं बनाने की मांग की। उनकी जगह पर अनुसूचित जाति के चेहरों को कैबिनेट में शामिल करने की अपील की गई थी। हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने विधायकों की मांग को दरकिनार करते हुए राणा गुरजीत सिंह मंत्री पद की शपथ दिला दी। सुखबिंदर सिंह सरकारिया और रजिया सुल्ताना ने भी शपथ ग्रहण किया है। सभी ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया।
मनप्रीत बादल चन्नी सरकार में भी बने मंत्री
कैप्टन सरकार में वित्त मंत्री रहे मनप्रीत सिंह बादल ने ब्रह्म मोहिंद्रा के बाद शपथ ग्रहण किया। बादल के तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले मंत्रियों की सूची में तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा का भी नाम शामिल था।
कैप्टन के करीबी मोहिंद्रा ने ली शपथ
राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित शपथ ग्रहण कार्यक्रम में पहुंच चुके हैं। सबसे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेहद करीबी ब्रह्म मोहिंद्रा ने मंत्री पद की शपथ ली। बता दें कि मोहिंद्रा को पंजाब का डिप्टी सीएम बनाने की चर्चा जोरों पर थीं लेकिन ऐन वक्त पर कांग्रेस हाईकमान ने उनका नाम हटा दिया था। उनके स्थान पर ओपी सोनी को पंजाब का डिप्टी सीएम बनाया गया था।
सभी मंत्रियों को मिलेंगी नई इनोवा गाड़ियां
चन्नी मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों के लिए जहां सरकारी बंगलों के अलॉटमेंट की तैयारी शुरू हो गई है, वहीं राज्य सरकार ने सभी मंत्रियों को नई इनोवा गाड़ियां देने का फैसला किया है। पता चला है कि सरकार ने इस मद में सवा चार करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया है। यानी शपथ ग्रहण के बाद अगले हफ्ते सभी मंत्री नई गाड़ियों में नजर आएं तो हैरान होने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस विधायक कुलजीत सिंह नागरा ने कहा कि मैंने मोदी सरकार के तीन ‘काले कानूनों’ के विरोध में इस्तीफा दे दिया था और स्पष्ट कर दिया था कि मैं राज्य मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होऊंगा।
कैप्टन के करीबी मोहिंद्रा ने ली सबसे पहले शपथ, विरोध के बीच राणा गुरजीत बने मंत्री
पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित शाम 4:30 बजे 15 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाएंगे। मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री को मिलाकर कैबिनेट में 18 सदस्य हो जाएंगे। लंबी मैराथन के बाद कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ मंत्रियों के नाम की अंतिम सूची तैयार की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से मुलाकात कर शपथग्रहण समारोह के लिए समय मांगा था। इस बीच बड़ी खबर आ रही है कि कुलजीत नागरा का नाम 15 मंत्रियों की सूची से काट दिया गया है। उनकीू जगह पर काका रणदीप को मंत्री बनाया जाएगा। काका रणदीप अमलोह से कांग्रेस विधायक हैं।
इन मंत्रियों को छुट्टी
कैप्टन मंत्रिमंडल में शामिल रहे बलबीर सिद्धू, राणा गुरमीत सोढी, गुरप्रीत सिंह कांगड़, साधु सिंह धर्मसोत और सुंदर शाम अरोड़ा को चन्नी के मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया है।
इन मंत्रियों को फिर मिला मौका
चरणजीत सिंह चन्नी: मुख्यमंत्री
सुखजिंदर सिंह रंधावा: उपमुख्यमंत्री
ओपी सोनी: उपमुख्यमंत्री
ब्रह्म मोहिंदरा
तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा
मनप्रीत सिंह बादल
विजय इंदर सिंगला
सुखबिंदर सिंह सरकारिया
रजिया सुल्ताना
भारत भूषण आशु
अरुणा चौधरी
चन्नी मंत्रिमंडल में नए चेहरे
डॉ. राजकुमार वेरका: अनुसूचित जाति के कद्दावर नेता। कैप्टन के करीबी नेता थे, लेकिन मंत्री नहीं बनाया था
संगत सिंह गिलजियां: साल 2007 में कैप्टन ने टिकट काट दी थी। कैप्टन के विरोधी गुट के नेता
अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग: राहुल गांधी के करीबी। यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। सिद्धू के करीबी
परगट सिंह: हॉकी टीम के पूर्व कप्तान। अकाली छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए। कैप्टन के धुरविरोधी। सिद्धू के करीबी
कुलजीत सिंह नागरा की जगह पर काका रणदीप का नाम शामिल किया गया है
गुरकीरत सिंह कोटली: पूर्व सीएम बेअंत सिंह परिवार से हैं। कैप्टन की अनदेखी से सिद्धू के करीब पहुंच गए
राणा गुरजीत सिंह: साल 2017 में कैबिनेट मंत्री थे। रेत बजरी के आरोप लगने पर कैप्टन ने मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था