भारत में सोमवार को कोरोना के नए मामले में और गिरावट देखी गई। हालांकि, इस बीमारी से मरने वालों की संख्या चार हजार से ऊपर रही। वहीं, विशेषज्ञ इन आंकड़ों पर भरोसा नहीं कर रहे हैं क्योंकि उनका कहना है कि ग्रामीण इलाकों में पर्याप्त जांच नहीं हो पा रही है और वहां संक्रमण तेजी से फैल रहा है
विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, देश के कई ऐसे हिस्से हैं जहां संक्रमण पीक पर नहीं पहुंचा है और वहां मामले अभी भी बढ़ रहे हैं। स्वामीनाथन ने राष्ट्रीय स्तर पर ऊंची सकारात्मकता दर पर भी चिंता जताते हुए कहा कि यह इस बात का संकेत है कि अभी हालात और खराब हो सकते हैं
उन्होंने कहा कि कुल जांच में से 20 फीसदी की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। ऐसे में जब आप ऊंची सकारात्मकता दर देखते हैं तो इसका मतलब साफ है कि हम पर्याप्त संख्या में जांच नहीं कर रहे हैं। इसलिए आंकड़ों का कोई मतलब नहीं है जब तक ये इस परिप्रेक्ष्य में न हों कि कितनी संख्या में जांच हो रही हैं।
आने वाले छह से 18 महीने बेहद अहम
स्वामीनाथन ने कोरोना की आगामी लहरों को लेकर चेताते हुए कहा कि आने वाले समय में हालात और बिगड़ सकते हैं। आगामी छह से 18 महीने कोरोना के खिलाफ जंग में भारत के लिए बेहद अहम रहने वाले हैं। इसके बाद ही नियंत्रण या महामारी को जड़ से मिटाने के लिए लंबी योजना पर बात करनी चाहिए।








