चमोली : विश्व प्रसिद्ध रूपकुंड-बेदनी बुग्याल मोटर मार्ग खस्ताहाल, सुध लेने वाला कोई नहीं

Spread the love

आइए आपको बताते हैं चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध पर्यटन क्षेत्र एवं उत्तराखंड की आराध्य देवी मां नंदा भगवती के कैलाश धाम रूपकुंड ट्रैक-बेदनी बुग्याल ट्रैक, ब्रह्मताल ट्रैक और लाटू धाम मंदिर जाने का तथा घाटी के 80-90 गांवों को जोड़ने वाला एक मात्र मोटर मार्ग के विभागीय लापरवाही के कारण खस्ताहाल होने के बारे में।
जनपद मुख्यालय से लगभग 100 कीलोमीटर की दूरी पर है थराली तहसील और यहां से लगभग 51 कीलोमीटर की दूरी पर रूपकुंड मार्ग पर अंतिम मानवीय बस्ती वाला गांव है वांण…जिस गांव में मां नंदा भगवती का धर्म भाई लाटू देवता का विश्व प्रसिद्ध मंदिर है… जिस मंदिर के कपाट अभी इसी पखवाड़े उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की उपस्थिति में श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे।इस हिमालयी क्षेत्र में विश्व भर के पर्यटक वर्षभर विभिन्न मंदिरों व खूबसूरत हिमालयी हरे भरे बुग्यालों को करीब से निहारने के लिए आते रहते हैं।

मां नंदादेवी के ससुराल क्षेत्र के इस खूबसूरत घाटी में दर्जनों गावों की बसावट है।इस क्षेत्र में प्रत्येक बारह वर्षों में मां नंदादेवी की राजजात यात्रा होती है।जो टीहरी के राजमहल से प्रारंभ होकर कैलाश पर्वत तक जाती है।इसीक साथ प्रति वर्ष नंदादेवी की लोकजात यात्रा भी होती है।राजजात राजाओं के द्वारा आयोजित होती थी और लोकजात लोगों के द्वारा.. जो आज भी विधिविधान से आयोजित की जाती हैं।जिन यात्राओं में हजारों की संख्या में देश विदेश के लोग सामिल होते हैं।सरकार की भी इसमे प्रत्यक्ष भूमिका रहती हैं।

परंतु जब हमारे संवाददाता ने इस क्षेत्र का भ्रमण किया तो पाया कि यहाँ तहसील मुख्यालय थराली से लेकर 51कीलोमीटर वांण गांव तक मोटर मार्ग का सारा डामर उखडा हुआ है।मालूम करना बड़ा मुश्किल है कि सड़क गड्ढों में है या सड़क मे ही गढ्ढे हैंं।यहां प्रति दिन इस क्षेत्र के लोग भी देवाल बाजार,तहसील व जिला मुख्यालय के लिए आवागमन करते हैंं जिनको हिचकोले खाते हुए सफर करना पड़ता है।

और पढ़े  नैनीताल हाईकोर्ट: सवालों के घेरे में रही पंचायत चुनाव की तैयारी, आरक्षण संबंधित एक याचिका पर अब से थोड़ी देर बाद होगी सुनवाई।

यहां के पूर्व जिला पंचायत सदस्य किशनसिंह दानू और वर्तमान जिला पंचायत सदस्य कृष्णा सिंह बिष्ट ने बताया कि यहां खस्ताहाल सड़क के कारण बहुत बार गर्भवती महिलाओं को रास्ते म़े़ ही बच्चे जनना पड़ जाता है जिससे जच्चा बच्चा दोनों को ही खतरा बना रहता है।बिमार लोगों को भी देवाल या अन्य अस्पतालों में ले जाने म़े भी बहुत दिक्कतें आती हैं।बताया कि खराब सडक के कारण हमेशा ही मोटर वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने का भय भी बना रहता है।बताया कि क्षेत्र वासियों ने मुख्यमंत्री, उपजिलाधिकारी व लोक निर्माण विभाग को कई बार पत्राचार कर दिए हैंं।तथा शिष्टमंडल भी अधिकारियों से मिले हैंं परंतु कभी किसी ने इस सडक पर ध्यान नहीं दिया।कहा कि इस अनदेखी के कारण क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, क्षेत्रवासियों ने 23 फरवरी को उपजिलाधिकारी थराली को पत्र सौप कर वार्ता की गई थी और 45 दिनों में सड़क पर कार्य नही होने की दिशा में जनांदोलन की चेतावनी दी गई थी,परंतु इस समय कोविड के चलते लॉकडाउन के कारण आंदोलन नहीं कर पा रहे है।लेकिन भविष्य में यदि जल्दी सड़क सुगम यातायात के अनुरूप नहीं बनाई जाती है तो शासन प्रशासन को संपूर्ण क्षेत्रवासियों का उग्र आंदोलन का सामना करना पडेगा।


Spread the love
  • Related Posts

    चारधाम यात्रा: आफत की बारिश- 24 घंटे के लिए चारधाम यात्रा स्थगित, भारी बारिश से यमुनोत्री हाईवे कई जगह बंद, श्रद्धालु फंसे

    Spread the love

    Spread the loveभारी बारिश के चलते यमुनोत्री हाईवे समेत कई जगह रास्ते बंद हैं। गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए चार…


    Spread the love

    देहरादून- बारिश का कहर: मोर्चे पर उतरे मुख्यमंत्री धामी, राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर लिया अपडेट

    Spread the love

    Spread the love     उत्तराखंड में बारिश से हुई तबाही के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद मोर्चे पर उतरे। सीएम सचिवालय स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और उत्तरकाशी,रुद्रप्रयाग, चमोली…


    Spread the love

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    error: Content is protected !!