
बात जिला चमोली के जोशीमठ की है। और जोशीमठ में स्थित आई.टी. बी. पी. की प्रथम वाहिनी सुनील के परेड ग्राउंड की है जहां आई. टी बी.पी के ये हिमवीर “चौको” जहां भी रहे खुश रहे के नारे लगा रहे है।
बताते चलें की “चौको” एक मादा स्निफर डॉग है जो कि आई.टी बी.पी. के डॉग स्क्वायड के-9 की अहम सदस्य रही है। “चौको” कई नक्सल विरोधी अभियानों की हिस्सा भी रही है।स्वान दस्ते मैं 11 साल की नौकरी करने के बाद आज “चौकों”रिटायर हो गयी है.
डॉग स्क्वाड के-9 आई. टी. बी. पी. का एक डॉग खोजी दस्ता है जो विभिन्न तरीके के आपरेशन, आंतरिक सुरक्षा और युद्ध में अपनी अहम भूमिका निभाता है।
चौको एक मादा स्वान है जो कि के-9 में एक वर्ष की आयु में भर्ती हुई थी और अब 12 साल की सेवा देने के बाद रिटायर हो गयी है।
आई. टी. बी.पी सुनील के परेड ग्राउंड में ग्रीन कारपेट पर फूल मालाओं और—चौको तुम जहां भी रहो खुश रहो—भारत माता की जय के गगनभेदी नारों से चौको को रिटायरमेंट पर विदाई दी गयी।
बताते चलें कि रिटायरमेंट के बाद चौको अब अपना जीवन आईटीबीपी के देहरादून स्थित पंचकूला नेशनल ट्रेनिंग सेंटर फॉर डाग्स में व्यतीत करेगी और अब किसी कॉम्बैट आदि में चौको से कोई सेवा नही ली जाएगी।
इस दौरान चौको को 70% पेंशन एवं जिंदगी भर का स्वास्थ्य सुरक्षा दी जाएगी।चौको अब पंचकूला में अपना जीवन और बाकी चौपाये साथियों के साथ बीतायेगी। : आईटीबीपी की प्रथम वाहिनी के डॉग स्क्वायड में शामिल”चौको”को रिटायरमेंट पर जोरदार नारों से दी गई विदाई।
बात जिला चमोली के जोशीमठ की है। और जोशीमठ में स्थित आई.टी. बी. पी. की प्रथम वाहिनी सुनील के परेड ग्राउंड की है जहां आई. टी बी.पी के ये हिमवीर “चौको” जहां भी रहे खुश रहे के नारे लगा रहे है।
बताते चलें की “चौको” एक मादा स्निफर डॉग है जो कि आई.टी बी.पी. के डॉग स्क्वायड के-9 की अहम सदस्य रही है। “चौको” कई नक्सल विरोधी अभियानों की हिस्सा भी रही है।स्वान दस्ते मैं 11 साल की नौकरी करने के बाद आज “चौकों”रिटायर हो गयी है.
डॉग स्क्वाड के-9 आई. टी. बी. पी. का एक डॉग खोजी दस्ता है जो विभिन्न तरीके के आपरेशन, आंतरिक सुरक्षा और युद्ध में अपनी अहम भूमिका निभाता है।
चौको एक मादा स्वान है जो कि के-9 में एक वर्ष की आयु में भर्ती हुई थी और अब 12 साल की सेवा देने के बाद रिटायर हो गयी है।
आई. टी. बी.पी सुनील के परेड ग्राउंड में ग्रीन कारपेट पर फूल मालाओं और—चौको तुम जहां भी रहो खुश रहो—भारत माता की जय के गगनभेदी नारों से चौको को रिटायरमेंट पर विदाई दी गयी।
बताते चलें कि रिटायरमेंट के बाद चौको अब अपना जीवन आईटीबीपी के देहरादून स्थित पंचकूला नेशनल ट्रेनिंग सेंटर फॉर डाग्स में व्यतीत करेगी और अब किसी कॉम्बैट आदि में चौको से कोई सेवा नही ली जाएगी।
इस दौरान चौको को 70% पेंशन एवं जिंदगी भर का स्वास्थ्य सुरक्षा दी जाएगी।चौको अब पंचकूला में अपना जीवन और बाकी चौपाये साथियों के साथ बीतायेगी।