दुनियाभर में टीकाकरण के बाद पटरी पर लौटते जीवन को इन दिनों तेजी से फैल रहे कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन से फिर झटका लगा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे चिंताजनक स्वरूप (वेरिएंट ऑफ कंसर्न) करार दिया है। वायरस के इस बी.1.1.529 रूप का सबसे पहले प्रसार दक्षिण अफ्रीका में देखने को मिला। यह इतना संक्रामक है कि दक्षिण अफ्रीका में दो हफ्तों में ही नए मामले चार गुना से ज्यादा बढ़ गए हैं।
दक्षिण अफ्रीकी एनजीएस को नवंबर के मध्य में गौतेंग प्रांत के 77 सैंपलों में कोरोना का यह नया वंश मिला। इसमें 50 म्यूटेशन मिले, जिनमें 30 अकेले स्पाइक प्रोटीन में पाए गए। कोरोना की ज्यादातर वैक्सीनें स्पाइक प्रोटीन आधारित हैं। ऐसे में टीके के प्रभावी होने में संदेह बढ़ गया है।
दुनिया भर के कई देशों ने कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट मिलने के बाद दक्षिण अफ्रीका की उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे दक्षिण अफ्रीकी सरकार आहत है। उसका कहना है कि हमें जीनोम सीक्वेंसींग के जरिए वैरिएंट खोजने की सजा दी जा रही है। वहां के स्वास्थ्य मंत्री जो फाहला ने कहा है कि नए वैरिएंट को लेकर दक्षिण अफ्रीका पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध कठोर और गलत हैं। लगता है कुछ देश और नेता ओमिक्रॉन की समस्या से निपटने के लिए हमें बलि के बकरे की तरह इस्तेमाल करने की फिराक में हैं।
अच्छे विज्ञान की तारीफ होनी चाहिए
दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि देश वैरिएंट को जल्दी से खोजने की सजा भुगत रहा है। अच्छे विज्ञान की तारीफ की जानी चाहिए। कोरोना का यह नया स्वरूप डेल्टा से भी अधिक खतरनाक है। इसे डब्ल्यूएचओ ने चिंताजनक श्रेणी में रखा है। हम कोरोना की रोकथाम दुनिया के अन्य देशों की तरह ही बराबर प्रयास कर रहे हैं।
बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग और इस्राइल में भी इस स्वरूप की पहचान हुई
दक्षिण अफ्रीका में सेंटर फॉर एपिडेमिक रिस्पांस एंड इनोवेशन (सीईआरआई) के निदेशक ट्यूलियो डी ओलिवेरा के अनुसार, गौतेंग में 90% मामलों में बी.1.1529 स्वरूप मौजूद है और इसने देश को चौथी लहर की कगार पर ला खड़ा किया है।
दुनिया भर के कई देशों ने कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट मिलने के बाद दक्षिण अफ्रीका की उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे दक्षिण अफ्रीकी सरकार आहत है। उसका कहना है कि हमें जीनोम सीक्वेंसींग के जरिए वैरिएंट खोजने की सजा दी जा रही है। वहां के स्वास्थ्य मंत्री जो फाहला ने कहा है कि नए वैरिएंट को लेकर दक्षिण अफ्रीका पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध कठोर और गलत हैं। लगता है कुछ देश और नेता ओमिक्रॉन की समस्या से निपटने के लिए हमें बलि के बकरे की तरह इस्तेमाल करने की फिराक में हैं।
अच्छे विज्ञान की तारीफ होनी चाहिए
दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि देश वैरिएंट को जल्दी से खोजने की सजा भुगत रहा है। अच्छे विज्ञान की तारीफ की जानी चाहिए। कोरोना का यह नया स्वरूप डेल्टा से भी अधिक खतरनाक है। इसे डब्ल्यूएचओ ने चिंताजनक श्रेणी में रखा है। हम कोरोना की रोकथाम दुनिया के अन्य देशों की तरह ही बराबर प्रयास कर रहे हैं।
बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग और इस्राइल में भी इस स्वरूप की पहचान हुई
दक्षिण अफ्रीका में सेंटर फॉर एपिडेमिक रिस्पांस एंड इनोवेशन (सीईआरआई) के निदेशक ट्यूलियो डी ओलिवेरा के अनुसार, गौतेंग में 90% मामलों में बी.1.1529 स्वरूप मौजूद है और इसने देश को चौथी लहर की कगार पर ला खड़ा किया है।