
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश के बाद प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी एक्टिव मोड में आ गई है। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने आयुक्त गढ़वाल एवं कुमाऊं, समेत सभी जिलाधिकारियों एवं तहसील एवं विकास खंड अधिकारियों को आदेश दिए कि वे प्रत्येक कार्यदिवस पर सुबह 10 से 12 बजे तक अनिवार्य रूप से अपने कार्यालयों में रहेंगे और जनता की समस्याओं की सुनवाई करेंगे। उन्होंने प्रत्येक मंगलवार को तहसील दिवस आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ताकीद किया कि तहसील दिवसों पर सक्षम अधिकारी अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री ने आदेश दिए थे कि जन समस्याओं का समाधान तहसील, ब्लाक और जिला स्तर पर हो। उन्होंने हिदायत दी थी कि जिन समस्याओं का समाधान तहसील, ब्लाक या जिला स्तर पर होना है, उनके लिए यदि जनता को सचिवालय के चक्कर काटने पड़े तो इसके लिए संबंधित अधिकारी जवाबदेह होगा। बृहस्पतिवार को मुख्य सचिव ने जनसंवाद एवं जन समस्याओं के समाधान के निर्देश जारी किए। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि वे जन समस्याओं को गंभीरता से लें। मुख्य सचिव ने कहा कि सभी मंडल, तहसील, विकासखंड स्तरीय कार्यालयों के कार्यालयाध्यक्ष प्रतिदिन सुबह 10 बजे से 12 बजे तक जन संपर्क एवं जन समस्याओं के समाधान के लिए अपने कार्यालयों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे। उन्होंने इस समय अवधि में कोई अन्य बैठक न करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अपरिहार्य कारणों से व्यक्तिगत उपलब्धता संभव न होने की दशा में अन्य सक्षम प्राधिकारी की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
शिष्टता से सुने, समयबद्ध हो समाधान
उन्होंने जनसंपर्क के दौरान भेंट करने वाले व्यक्तियों के प्रति शिष्टाचारपूर्वक समस्याओं एवं विषयों को गंभीरता से सुनने और उनके समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्वक समाधान के निर्देश दिए।