
बंबई हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने कहा है कि वाट्सएप ग्रुप के एडमिन पर ग्रुप के दूसरे सदस्य द्वारा आपत्तिजनक पोस्ट के लिए आपराधिक कार्रवाई नहीं हो सकती।
वाट्सएप ग्रुप चलाने वाले देश के लाखों ग्रुप एडमिन के लिए एक राहत की खबर है। अब उनके ग्रुप में किसी सदस्य की आपत्तिजनक पोस्ट के लिए उनको जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकेगा और न ही उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जा सकेगा। एक मामले की सुनवाई करते हुए बंबई हाई कोर्ट ने यह व्यवस्था दी। बंबई हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने कहा है कि वाट्सएप ग्रुप के एडमिन पर ग्रुप के दूसरे सदस्य द्वारा आपत्तिजनक पोस्ट के लिए आपराधिक कार्रवाई नहीं हो सकती। इसके साथ ही कोर्ट ने 33 वर्षीय व्यक्ति के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न के मामले को खारिज कर दिया। कोर्ट का यह आदेश पिछले महीने आया था, लेकिन इसकी प्रति 22 अप्रैल को उपलब्ध हुई। न्यायमूर्ति जेडए हक और न्यायमूíत एबी बोरकर की पीठ ने कहा कि वाट्सएप के एडमिन के पास केवल ग्रुप के सदस्यों को जोड़ने या हटाने का अधिकार होता है और ग्रुप में डाली गई किसी पोस्ट या विषयवस्तु को कंट्रोल करने या उसे रोकने की क्षमता नहीं होती है।