नैनीताल में वर्ष 2025 के पहले चार महीने आज तक के इतिहास के सर्वाधिक गर्म रहे हैं। संभावना है कि यह वर्ष आज तक के इतिहास का सर्वाधिक गर्म वर्ष होगा। वैसे अब तक का सबसे गर्म वर्ष 2024 रहा है। यही हाल रहा तो आने वाले समय में मौसम में अनेक विसंगति देखने को मिल सकती हैं जिनमें मौसम के विपरीत ज्यादा गर्मी, अधिक और अनियमित वर्षा आदि शामिल है।
वैश्विक स्तर पर पृथ्वी की सतह की वायु का तापमान लगातार उच्च बना रहा। वर्ष 2025 में अप्रैल का महीना वर्ष 2024 के बाद बीते 120 वर्षों में दूसरे सबसे गर्म अप्रैल के रूप में दर्ज किया गया। इस दौरान सतह की हवा का औसत तापमान 14.96 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो अप्रैल के लिए 1991-2020 औसत से 0.60 डिग्री और अनुमानित पूर्व औद्योगिक काल (1850-1900) के औसत से 1.51 डिग्री सेल्सियस अधिक था।
आर्य भट्ट शोध एवं प्रेक्षण विज्ञान संस्थान (एरीज) के मौसम विज्ञानी डॉ. नरेंद्र सिंह ने बताया कि मई 2024 से अप्रैल 2025 तक 12 महीने की अवधि भी असाधारण रूप से गर्म थी, जो पूर्व-औद्योगिक स्तर की इस अवधि से 1.58 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म थी। वैश्विक स्तर पर पूर्वी यूरोप, पश्चिमी रूस, कजाकिस्तान और नॉर्वे ने सबसे अधिक गर्म विसंगतियों का अनुभव किया। उधर अमेरिका में एशविले, चार्लोट और रैले, उत्तरी कैरोलिना, श्रेवेपोर्ट, लुइसियाना में भी यह सबसे गर्म अप्रैल रहा।
दूसरा सबसे गर्म अप्रैल व मार्च और तीसरी सबसे गर्म फरवरी रही 2025 में
मौसम विज्ञानी नरेंद्र सिंह ने बताया कि आज तक के इतिहास में वर्ष 2025 में दूसरा सबसे गर्म अप्रैल, दूसरा सबसे गर्म मार्च और तीसरी सबसे गर्म फरवरी रही जबकि वर्ष 2024, उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध से वर्तमान तक के दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार आज तक का सबसे गर्म वर्ष था।