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लोकसभा में पास हुआ वक्फ संशोधन बिल,वक्फ संपत्तियों पर मंडराया खतरा,रात 1.56 बजे पारित हुआ वक्फ संशोधन विधेयक, 1.50 घंटे चली वोटिंग, समर्थन में पड़े 288 वोट

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देशभर के वक्फ बोर्डों में जवाबदेही व पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए वक्फ संशोधन विधेयक आज लोकसभा में पारित हो गया। विधेयक पर पर 11 घंटे चर्चा चली। यह विधेयक अब गुरुवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा।

आज सुबह 11 बजे तक लोकसभा स्थगित
तीन मार्च सुबह 11 बजे तक के लिए लोकसभा स्थगित की गई है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर मणिपुर के मुद्दे पर लोकसभा में बोल रहे हैं। थरूर ने कहा, हमने एक भयानक घटना देखी है, जो धीरे-धीरे और खतरनाक होती गई। मई 2023 में शुरू हुई हिंसा आज भी जारी है और राष्ट्रपति शासन लागू होने में 21 महीने लग गए।  इस दौरान 250 से ज्यादा लोग मारे गए, शायद 300 से भी अधिक। 5600 से ज्यादा हथियार और 6.5 लाख गोलियां पुलिस के गोदामों से लूट ली गईं। 70 हजार से ज्यादा लोग बेघर हुए, 1 लाख प्रभावित हुए, और हजारों अब भी राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। गृह मंत्री यहां मौजूद हैं, और यह सब तब हो रहा है जब स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है।
वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 लोकसभा में पारित
वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 रात 1.56 बजे लोकसभा में पारित हुआ। विधेयक पर 1 घंटे 50 मिनट तक वोटिंग चली। विधेयक के समर्थन में 288 वोट पड़े, जबकि विरोध में 232 वोट पड़े।
इलेक्ट्रॉनिक पद्धति से मतदान के बाद कुल 464 वोट दर्ज किए गए। विधेयक के पक्ष में 273 और विरोध में 191 मत पड़े। शुद्धि के बाद स्पीकर ओम बिरला आधिकारिक आंकड़ों का एलान करेंगे।
  • इमरान मसूद, प्रेमचंद्रन का एक और संशोधन अस्वीकार। खंड 35 विधेयक का अंग बना।
  • खंड 37 से 40 को विधेयक का अंग बनाने के लिए ध्वनिमत से मतदान कराया गया। स्वीकार किया गया।
  • ईटी मोहम्मद बशीर का एक और संशोधन अस्वीकार।
  • 40ए और 41 भी विधेयक का अंग बना।
  • एनके प्रेमचंद्रन की तरफ से पेश संशोधन संख्या 129 को भी अस्वीकार किया गया।
  • खंड 42-44 भी विधेयक का अंग बना।
  • रिजिजू ने विधेयक पारित होने का प्रस्ताव रखा।
  • ध्वनिमत से मतदान के बाद डिविजन हो रहा है
  • ध्वनिमत से स्वीकार होने के बाद  खंड 25 से 27 विधेयक का अंग बना।
  • इमरान मसूद ने एक और संशोधन पेश किया। इसे भी अस्वीकृत कर दिया गया।
  • खंड 28 विधेयक का अंग बना।
  • असदुद्दीन ओवैसी ने एक और संशोधन पेश किया। इसे भी अस्वीकार कर दिया गया।
  • एनके प्रेमचंद्रन ने मुतवल्ली को हटाने के संबंध में किए गए प्रावधान से जुड़े संशोधन पेश किए। हालांकि, इसे भी निरस्त कर दिया गया।

 

 

  • अरविंद सावंत का एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत
  • गौरव गोगोई का एक और संशोधन प्रस्ताव निरस्त हुआ
  • इमरान मसूद ने एक और संशोधन का प्रस्ताव रखा। इसे भी ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया।
  • केसी वेणुगोपाल ने एक और संशोधन का प्रस्ताव रखा। इसे भी अस्वीकृत कर दिया गया।
  • मोहम्मद जावेद का एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत
  • इमरान मसूद ने एक और संशोधन पेश किया। ध्वनिमत से अस्वीकार किया गया।
  • एनके प्रेमचंद्रन की तरफ से पेश एक और संशोधन अस्वीकृत
  • एनके प्रेमचंद्रन ने एक और संशोधन वापस लिया।
  • इसी के साथ खंड 24 विधेयक का अंग बन गया।
  • राजेश रंजन का एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत
  • अरविंद सावंत का एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत
  • केसी वेणुगोपाल की तरफ से प्रस्तुत संशोधन प्रस्ताव को भी ध्वनिमत से अस्वीकृत किया गया।
  • मोहम्मद जावेद की  तरफ से पेश एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत
  • खंड- 19 और 20 विधेयक का अंग बन गया।

असदुद्दीन ओवैसी ने एक और संशोधन पेश किया। संशोधन संख्या 66-68 को अस्वीकार कर दिया गया। सौगत रॉय ने एक और संशोधन पेश किया। इसे भी अस्वीकृत कर दिया गया।

खंड 15 विधेयक का अंग बना। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने संशोधन प्रस्ताव संख्या 111 पेश किया। इसे भी ध्वनिमत से स्वीकार किया गया। रिजिजू ने संशोधन संख्या 112 पेश किया। इसे भी स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद खंड 15-ए संशोधन के बाद विधेयक का अंग बन गया।

  • इमरान मसूद ने एक और संशोधन प्रस्ताव पेश किया, इसे भी ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया गया
  • कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने एक और संशोधन प्रस्ताव पेश किया। इसे भी ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया गया।
  • मोहम्मद जावेद का एक और संशोधन प्रस्ताव निरस्त
  • संशोधनों पर मतदान के बाद खंड 13-14 विधेयक का अंग बना
  • इमरान मसूद का एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत
  • मोहम्मद जावेद का एक और संशोधन प्रस्ताव निरस्त
  • सौगत रॉय ने एक और संशोधन प्रस्ताव पेश किया- अस्वीकार
  • के राधाकृष्णन का एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकार
  • बिहार से निर्वाचित राजेश रंजन ने वापस लिया संशोधन प्रस्ताव
  • एनके प्रेमचंद्रन का एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत
  • सौगत रॉय का एक और संशोधन प्रस्ताव निरस्त
  • के राधाकृष्णन ने एक और संशोधन प्रस्ताव पेश किया, अस्वीकृत
  • अरविंद सावंत का एक और संधोधन प्रस्ताव खारिज हुआ
  • गौरव गोगोई का एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत
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वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर लोक सभा में वोटिंग चल रही है। सरकार के संशोधन प्रस्ताव पर मतदान के बाद विपक्ष के प्रस्ताव पर मतदान कराया गया। जिसमें अधिकांश  संशोधन वोटिंग के दौरान खारिज कर दिए गए। कुल 439 वोट दर्ज किए गए। जिसमें पक्ष में 196 और विपक्ष में 243 वोट पड़े।

केसी वेणुगोपाल ने एक और संशोधन पेश किया, इसे भी ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया गया। मोहम्मद जावेद का संशोधन भी अस्वीकार किया गया।

हैदराबाद से निर्वाचित सांसद असदुद्दीन ओवैसी का एक और संशोधन अस्वीकार हुआ। एनके प्रेमचंद्रन की तरफ से पेश एक और संशोधन खारिज हुआ। सौगत रॉय का एक और संशोधन अस्वीकृत हुआ।

केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने भी संशोधन पेश किया। इसे ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया गया। के सुधाकरन की तरफ से पेश एक अन्य संशोधन खारिज हुआ।  बिहार से निर्वाचित सांसद राजेश रंजन की तरफ से पेश संशोधन भी स्वीकार नहीं किया गया।

अरविंद सावंत ने अपना दूसरा संसोधन पेश किया, हालांकि इसे अस्वीकार कर दिया गया। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के एक और संशोधन को निरस्त किया गया। इमरान मसूद का एक और संशोधन निरस्त किया गया।

वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर लोक सभा में वोटिंग चल रही है। विपक्ष के कई संशोधन वोटिंग के दौरान गिर चुके हैं।

केरल से निर्वाचित कांग्रेस सांसद के सुधाकरन की तरफ से पेश संशोधन को भी अस्वीकार कर दिया गया। केरल के ही ईटी मोहम्मद बशीर का संशोधन भी अस्वीकार किया गया। के राधाकृष्णन का संशोधन भी अस्वीकार हुआ। संशोधनों पर ध्वनिमत से मतदान कराया गया। अधिकांश को स्वीकार नहीं किया गया।

जम्मू कश्मीर से निर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस सांसद आगा रुहुल्लाह मेहदी की तरफ से पेश संशोधन खारिज हुआ। एनके प्रेमचंद्रन का एक और संशोधन निरस्त हुआ। तृणमूल सांसद सौगत राय का संशोधन भी अस्वीकृत हुआ।

वोटिंग के दौरान एनके प्रेमचंद्रन का संशोधन अस्वीकृत कर दिया गया। वहीं, शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने संशोधन वापस लिया। इसके अलावा, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई, इमरान मसूद की तरफ से पेश संशोधन भी खारिज हुआ। साथ ही कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल, मोहम्मद जावेद का संशोधन भी अस्वीकृत हुआ। वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की तरफ से पेश संशोधन भी निरस्त किया गया।

प्रस्ताव पर वोटिंग के पक्ष में पड़े 288 वोट
लोक सभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर मतदान के प्रस्ताव पर वोटिंग के पक्ष में 288 वोट पड़े। वहीं, विरोध में 232 सांसदों ने अपना मत दिया। अब संशोधन पर मतदान हो रहा है।

वक्फ संशोधन बिल 2025 पर मतदान प्रक्रिया जारी
वक्फ संसोधन विधेयक पर 11 घंटे की चर्चा के बाद लोकसभा में बिल पर मतदान प्रक्रिया जारी है। कुल 390 वोट दर्ज हुए। स्पीकर की ओर से विधेयक पर घोषणा का इंतजार है।
विधेयक असांविधानिक होता तो अदालत रद्द कर देती: रिजिजू
संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, मैं सभी नेताओं का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने विधेयक पर अपनी राय रखी। कुछ नेता कह रहे हैं कि यह विधेयक असांविधानिक है, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वे ऐसा कैसे कह सकते हैं? अगर यह असांविधानिक होता, तो अदालत इसे रद्द कर देती। असांविधानिक जैसे शब्दों का उपयोग नहीं करना चाहिए। यह विधेयक संविधान के खिलाफ नहीं है, जैसाकि विपक्ष दावा कर रहा है। हमें सांविधानिक और असांविधानिक शब्दों का शब्दों को हल्के में उपयोग नहीं करना चाहिए।

इसके बाद उन्होंने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा,  असदुद्दीन ओवैसी ने कई मुद्दे उठाए और आरोप लगाया कि मुसलमानों और मुसलमानों के बच्चों के लिए वक्फ में प्रावधान किया जा रहा है, लेकिन हिंदुओं के लिए क्यों नहीं? मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि हिंदुओं के लिए पहले से ही प्रावधान मौजूद है, इसके लिए कोई नया कानून बनाने की जरूरत नहीं है।

सरकार के पास दोनों सदनों में बहुमत है- जगदंबिका पाल

वक्फ संशोधन बिल 2025 पर चर्चा के दौरान अपनी बात रखते हुए लोकसभा सांसद और वक्फ बिल पर जेपीसी के चेयरमैन रहे जगदम्बिका पाल का कहना है कि उन्हें जेपीसी का प्रमुख बनाए जाने पर खुशी हुई और उन्होंने पार्टी को धन्यवाद दिया। जगदंबिका पाल ने कहा- सच्चर कमेटी इन्होंने बनाई है, सच्चर कमेटी की सिफारिशों की चिंता नहीं हुई। हम सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू कर रहे हैं। इस दौरान जगदम्बिका पाल ने एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी पर वक्फ संशोधन बिल को फाड़ने के लिए उनकी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ओवैसी ने बिल को असंवैधानिक कहा, लेकिन बिल को फाड़ना असंवैधानिक कार्य है। उन्होंने यह भी दावा किया कि सरकार ने जेपीसी द्वारा दिए गए सभी सुझावों को मान लिया है।

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असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बिल का किया विरोध

वक्फ बिल के विरोध में बोलते हुए एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एक पंक्ति के साथ अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि ये विधेयक भारत के मुसलमानों के इबादत पर हमला है। केंद्र सरकार ने मुसलमानों के खिलाफ एक जंग छेड़ दिया है। और ये जंग मेरे ऊपर है। इस दौरान उन्होंने कहा कि ये अनुच्छेद 25, 26 का उल्लंघन है। उन्होंने आगे कहा कि वक्फ बिल मुस्लिमों के साथ अन्याय है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इसका मकसद मुसलमानों को जलील करना है। इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं गांधी की तरह वक्फ बिल को फाड़ता हूं।

राहुल गांधी ने वक्फ बिल का किया विरोध

वक्फ संशोधन विधेयक पर कांग्रेस सांसद और लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक मुसलमानों को हाशिए पर धकेलने और उनके निजी कानूनों और संपत्ति के अधिकारों को हड़पने के उद्देश्य से बनाया गया एक हथियार है। आरएसएस, भाजपा और उनके सहयोगियों द्वारा संविधान पर यह हमला आज मुसलमानों पर लक्षित है, लेकिन भविष्य में अन्य समुदायों को निशाना बनाने के लिए एक मिसाल कायम करता है। कांग्रेस पार्टी इस कानून का कड़ा विरोध करती है क्योंकि यह भारत के मूल विचार पर हमला करता है और अनुच्छेद 25, धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है।

अफजाल अंसारी ने वक्फ बिल का विरोध किया

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने वक्फ बिल का विरोध किया और कहा कि मंत्री जी ने बिल प्रस्तुत करते हुए कुछ बिंदुओं पर विशेष बल दिया और इन्हीं पर मेरे सवाल केंद्रित हैं। वक्फ की संपत्तियों को संरक्षित करने के उद्देश्य से इस संशोधन बिल की जरूरत क्यों आ गई। आप वैसे भी उस दिशा में सहयोग कर सकते थे। अलग बिल बनाकर के आपने ये प्रयास किया और मंत्रीजी ने कहा कि पसमांदा तबके के मुसलमान को अधिकार देना चाहते हैं। देश के बहुसंख्यक तबके का रिजर्वेशन ये सरकार खा गई। उत्तर प्रदेश के पिछड़ों का, अल्पसंख्यकों का कितना दर्द है, ये समझ आ रहा है।

भाजपा पर हरसिमरत कौर बादल का हमला

पंजाब की बठिंडा लोकसभा सीट से शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि जिस पार्टी का तीन टर्म से एक मुस्लिम एमपी नहीं है। एक भी मुस्लिम महिला एमपी नहीं है। जो पार्टी मुस्लिम विरोध की राजनीति करती आई है, उनको कौन सा ईद का चांद दिख गया। जुबान पर दुआ है लेकिन दिल तो इनका काला है।

मुसलमान भारत में सबसे अधिक सुरक्षित- संबित पात्रा

भाजपा सांसद संबित पात्रा ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि पूरी दुनिया में मुसलमान सबसे अधिक कहीं सुरक्षित है तो वह देश भारत है। हमने कभी किसी का कुछ छीना नहीं है, जो शरणार्थी बनकर आया है, उसे दिया ही है। इस भारत के ऊपर आप संदेह जता रहे हैं, क्या स्थिति है वक्फ बोर्ड की मुस्लिम देशों में, भारत में वक्फ बोर्ड है और इसकी प्रॉपर्टी को कानून सुरक्षा दिया गया है। इसके बावजूद हंगामा क्यों बरपा है। अगर मोदीजी महिला को सुरक्षा दे रहे हैं तो किसी को क्या दिक्कत हो सकती है। वक्फ का मतलब दान होता है। हिंदू, ईसाई, सब में दान का महत्व है। दीन जनों को दान करो, ईश्वर मिलेंगे। वहीं इस्लाम में भी जकात, सदका के नाम से जिक्र किया गया है। वक्फ दान की जमीन परमार्थ के लिए बनाया गया है, आज लोग इस संशोधन को असंवैधानिक बता रहे हैं।

पप्पू यादव ने किया वक्फ बिल का विरोध

पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने वक्फ बिल का विरोध करते हुए कहा कि मंत्री जी सबसे पहले आप बौद्ध धर्म की परिकल्पना समझ लीजिए। इस्लाम से पहले बौद्ध धर्म आया, क्यों आया। मानवता और इंसानियत को बचाने के लिए गुरु गोविंद सिंह जी ने कुर्बानी दी थी, हिंदू को बचाने के लिए नहीं। ये लोग मंडल के खिलाफ कमंडल लाए थे और लगभग 13 हजार ओबीसी का कत्ल हुआ था। किसी दल का विरोध करने नहीं आया हूं। वक्फ बिल के खिलाफ जो बिल लाया, आप कहते हैं उसे सुरक्षित करने और महिलाओं के लिए है। आप महिलाओं के आरक्षण का बिल इसीलिए नहीं लाते हैं क्योंकि आप दलित-पिछड़ी महिलाओं को आरक्षण देना नहीं चाहते। जगदंबिका पाल ने पप्पू यादव की बात पर आपत्ति करते हुए कहा कि चाहता हूं कि इनके खिलाफ कार्रवाई हो।

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लोकसभा की कार्यवाही का समय तीसरी बार बढ़ा

लोकसभा की कार्यवाही का समय वक्फ संशोधन बिल 2025 के पारित होने तक बढ़ाई गई। बता दें कि, दो अप्रैल को तीसरी बार लोकसभा की कार्यवाही का समय बढ़ाया गया है।

‘न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र पर भी प्रतिबंध लगा दिए गए थे’
इस दौरान सदन में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- 2013 में किया संशोधन सिर्फ पांच घंटे के बाद हुआ था, इस बार दोनों सदनों में 16 घंटे चर्चा हो रही है। इसे लेकर जो समिति भी बनाई गई, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि आए, अध्ययन दौरे तीन किए गए। 92.68 लाख के करीब सुझाव ऑनलाइन आए आप ऐसे इसे खारिज नहीं कर सकते हो। यहां जो सदस्य हैं, वो किसी परिवार की कृपा से चुनकर नहीं आए हैं, एक सदस्य ने कहा है कि पुराने कानून में अपील का प्रावधान था। उसमें स्पष्ट था कि कोई भी निर्णय हो, अपील नहीं हो सकती, न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र पर भी प्रतिबंध लगा दिए गए थे। अभी फैशन है संविधान लहराने का, संविधान के हिसाब से कोई भी फैसला कोर्ट के दायरे से बाहर कैसे हो सकता है। आपने वोटबैंक के लिए ऐसा किया था, हम खारिज कर रहे हैं, ऐसा नहीं चलेगा। एक सदस्य ने कह दिया कि माइनॉरिटी इस कानून को स्वीकार नहीं करेगी, क्या धमका रहे हो भाई। संसद का कानून है, सबको स्वीकार करना पड़ेगा।

विपक्ष अल्पसंख्यकों को भड़का रहा है- अमित शाह
गृह मंत्री ने कहा कि- विपक्ष अल्पसंख्यकों को भड़का रहा है। वक्फ मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधि निकाय नहीं है और ये बिल जन कल्याण के लिए है, वोटबैंक के लिए हैं। 1913 से लेकर 2013 तक वक्फ बोर्ड की कुल भूमि 18 लाख एकड़ थी और 2013 से 2025 तक 21 लाख भूमि बढ़ गई है। इसमें 2013 के बाद खासी बढ़ोत्तरी हुई है। किसी की जमीन घोषणा मात्र से वक्फ की जमीन नहीं बनेगी। आदिवासियों की जमीन को सुरक्षा मिलेगी, और वक्फ करने के लिए स्वामित्व होना चाहिए, दान अपनी जमीन का किया जा सकता है, गांव की जमीन का नहीं। रजिस्ट्रेशन के बगैर कोई संपत्ति वक्फ की नहीं होगी।

देश में कई संपत्तियों पर वक्फ का कब्जा- गृह मंत्री

इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि, देशभर में कितनी जमीनों को वक्फ की संपत्ति घोषित की गई या उनपर जबरन कब्जा किया। अमित शाह ने कहा- उत्तर रेलवे की जमीन वक्फ को दे दी गई, हिमाचल में वक्फ की जमीन बताकर मस्जिद बनाने का काम हुआ। इस दौरान उन्होंने तमिलनाडु से कर्नाटक तक के उदाहरण दिए। इस दौरान उन्होंने, मणिपट्टी समिति की रिपोर्ट में एक लाख 38 हजार एकड़ जमीन किराये पर दिए जाने, सौ साल की लीज पर निजी संस्थानों की जमीन हस्तांतरित किए जाने, विजयपुर गांव की 1500 एकड़ भूमि पर दावा करके विवाद में डाले जाने, फाइव स्टार होटल को 12000 महीने के किराए पर देने का जिक्र भी किया। गृह मंत्री ने कहा कि ये पैसा गरीब मुसलमान का है, ये धन्नासेठों की चोरी के लिए नहीं है। कर्नाटक में एक मंदिर पर क्लेम किया, 600 एकड़ जमीन पर दावा किया, ईसाई समुदाय की ढेर सारी जमीनों पर भी दावा कर दिया, कई समूह वक्फ बिल का विरोध कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा- तेलंगाना में 1700 एकड़ जमीन पर, असम में मोरेगांव जिले की जमीन पर दावा हुआ, हरियाणा की गुरुद्वारे से संबंधित भूमि वक्फ को सौंप दिया. प्रयागराज में चंद्रशेखर आजाद पार्क को भी वक्फ घोषित कर दिया।

‘बिल को लेकर मुस्लिम भाइयों डराया जा रहा है’
गृह मंत्री ने कहा- वक्फ बिल वक्फ की जमीन के रख-रखाव के लिए है। अगले चार साल सभी मुस्लिम समझ जाएंगे इस बिल का क्या फायदा होगा। लेकिन विपक्ष इस बिल को लेकर अफवाह फैला रहा है। इस बिल को लेकर मुस्लिम भाइयों डराया जा रहा है। इस दौरान फिर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- अपनी संपत्ति का दान किया जाता है, सरकारी जमीन का नहीं, मंदिर या मस्जिद और चर्च सरकारी जमीन पर नहीं बन सकते हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- अगर मान लिजिए कोई विदेश गया है, कोई दूसरे शहर में नौकरी करने गया है, तो उसकी जमीन को वक्फ बोर्ड की जमीन घोषित करना कहां का न्याय है। इसलिए वक्फ परिषद में कलेक्टर को रखा गया है। अमित शाह ने कहा कि लोगों को डराया जा रहा है कि पूर्वव्यापी प्रभाव से आएगा, इसके पहले तीन पेज और धाराएं पढ़ ली होतीं तो पता होता, इसमें स्पष्ट लिखा है कि यह कानून जिस दिन भारत सरकार गजट नोटिफिकेशन जारी करेगी, उसके बाद होगा।

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