
सत्ता की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना पहला राजनीतिक दौरा चंपावत विधानसभा क्षेत्र में कर रहे हैं। उनके इस दौरे को लेकर सियासी हलकों में चर्चा का बाजार गर्म है। सियासी जानकारों का मानना है कि दौरे के बहाने मुख्यमंत्री चंपावत की सियासी नब्ज टटोल रहे हैं। दरअसल मुख्यमंत्री को अगले छह महीने में विधानसभा का चुनाव लड़ना है। उपचुनाव के लिए वह ऐसी सीट की तलाश में हैं, जहां उनकी चुनावी राह निष्कंटक और सहज हो। धामी के खटीमा विधानसभा चुनाव में हारने से लेकर उनके मुख्यमंत्री बनने तक करीब आधा दर्जन विधायक उनके लिए अपनी सीट खाली करने की पेशकश कर चुके हैं। इसमें एक नाम विधायक कैलाश गहतोड़ी का भी है। गहतोड़ी चंपावत विधानसभा से निर्वाचित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने अपना पहला राजनीतिक दौरा भी चंपावत का ही लगाया। यही वजह है कि उनके इस दौरे के चुनावी निहितार्थ टटोले जा रहे है।
सियासी हलकों में यह चर्चा है कि मुख्यमंत्री चंपावत से उपचुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि मुख्यमंत्री खेमे से जुड़े सूत्रों का मानना है कि चंपावत से सीधे चुनाव लड़ने की संभावना जताना जल्दबाजी है।
सियासी हलकों में यह चर्चा है कि मुख्यमंत्री चंपावत से उपचुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि मुख्यमंत्री खेमे से जुड़े सूत्रों का मानना है कि चंपावत से सीधे चुनाव लड़ने की संभावना जताना जल्दबाजी है।
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने इस दौरे के बहाने चंपावत की सियासी नब्ज टटोल रहे हैं। यदि चुनावी हवा उनके अनुकूल रही तो आने वाले दिनों में चंपावत में उनकी दौड़धूप और बढ़ जाएगी।
जानकारों का मानना है कि अगले एक-दो महीनों में मुख्यमंत्री के चंपावत में दौरे बढ़ते हैं तो उनके वहां से उपचुनाव लड़ने का स्पष्ट संकेत माना जाएगा।
इधर, भाजपा के हलकों में भी मुख्यमंत्री चंपावत से उपचुनाव लड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा है। सूत्र बता रहे हैं कि चंपावत सीट पर यह चुनावी फार्मूला तैयार हो सकता है कि मुख्यमंत्री वहां से चुनाव लड़ें और गहतोड़ी को राज्य सभा भेज दिया जाए।