
उत्तराखंड: जोशीमठ में आपदा प्रभावितों के लिए भवनों का तय हुआ मुआवजा, इन विकल्पों पर लगी कैबिनेट की मंजूरी
जोशीमठ में आपदा प्रभावित परिवारों के क्षतिग्रस्त भवनों के मुआवजे की दरें तय कर दी गई हैं। मुआवजा केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की दरों में लागत सूचकांक (कोस्ट इंडेक्स) जोड़कर दिया जाएगा। व्यावसायिक भवनों का मुआवजा स्लैब बनाकर केदारनाथ की तर्ज पर दिया जाएगा। इसके अलावा स्थायी पुनर्वास के लिए तीन विकल्प दिए गए हैं। भूमि का मुआवजा तकनीकी संस्थाओं की रिपोर्ट आने के बाद तय किया जाएगा। जिसे मंजूरी के लिए कैबिनेट की अगली बैठक में रखा जाएगा।
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु ने बताया कि जोशीमठ में आपदा प्रभावितों की भूमि, भवनों के मुआवजे और स्थायी विस्थापन नीति के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद भवनों के मुआवजे की दरों को स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके अनुसार, आवासीय भवनों की लागत सीपीडब्ल्यूडी की प्लिंथ एरिया दरों में लागत सूचकांक (कोस्ट इंडेक्स) जोड़कर निकाली जाएगी। भवन की लागत में से प्रभावित भवन के मूल्यह्रास (डेप्रिसिएशन) की धनराशि घटाने के बाद शेष धनराशि का मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा दुकान और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों (होटल, ढाबे आदि) के मुआवजे के लिए पांच क्षति स्लैब तय किए गए हैं।
तय की गईं क्षतिग्रस्त भवनों की मुआवजा दरें
ईंट वाले आवासीय भवनों के लिए 31 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर
आरसीसी वाले आवासीय भवनों के लिए 36 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर
व्यावसायिक ईंट वाले भवनों के लिए 39 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर
व्यावसायिक आरसीसी वाले भवनों के लिए 45 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर
दुकान मालिकों को 15 वर्ग मीटर की दुकान या एकमुश्त मुआवजा दिया जाएगा
एक वर्ष से अधिक समय से जोशीमठ में किरायेदार दुकानदारों को एकमुश्त दो लाख रुपये की राशि और भविष्य में स्थायी पुनर्वास वाली जगह पर दुकान के लिए प्राथमिकता
Uttarakhand: जोशीमठ आपदा प्रभावितों के लिए भवनों का मुआवजा तय, पुनर्वास के तीन विकल्पों को कैबिनेट की मंजूरी
अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून Published by: अलका त्यागी Updated Wed, 15 Feb 2023 08:38 PM IST
सार
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु ने बताया कि जोशीमठ में आपदा प्रभावितों की भूमि, भवनों के मुआवजे और स्थायी विस्थापन नीति के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद भवनों के मुआवजे की दरों को स्वीकृति प्रदान की गई है।
जोशीमठ में दरारों वाले घर
जोशीमठ में दरारों वाले घर – फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
जोशीमठ में आपदा प्रभावित परिवारों के क्षतिग्रस्त भवनों के मुआवजे की दरें तय कर दी गई हैं। मुआवजा केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की दरों में लागत सूचकांक (कोस्ट इंडेक्स) जोड़कर दिया जाएगा। व्यावसायिक भवनों का मुआवजा स्लैब बनाकर केदारनाथ की तर्ज पर दिया जाएगा। इसके अलावा स्थायी पुनर्वास के लिए तीन विकल्प दिए गए हैं। भूमि का मुआवजा तकनीकी संस्थाओं की रिपोर्ट आने के बाद तय किया जाएगा। जिसे मंजूरी के लिए कैबिनेट की अगली बैठक में रखा जाएगा।
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कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु ने बताया कि जोशीमठ में आपदा प्रभावितों की भूमि, भवनों के मुआवजे और स्थायी विस्थापन नीति के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद भवनों के मुआवजे की दरों को स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके अनुसार, आवासीय भवनों की लागत सीपीडब्ल्यूडी की प्लिंथ एरिया दरों में लागत सूचकांक (कोस्ट इंडेक्स) जोड़कर निकाली जाएगी। भवन की लागत में से प्रभावित भवन के मूल्यह्रास (डेप्रिसिएशन) की धनराशि घटाने के बाद शेष धनराशि का मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा दुकान और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों (होटल, ढाबे आदि) के मुआवजे के लिए पांच क्षति स्लैब तय किए गए हैं।
ये तय की गईं क्षतिग्रस्त भवनों की मुआवजा दरें
ईंट वाले आवासीय भवनों के लिए 31 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर
आरसीसी वाले आवासीय भवनों के लिए 36 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर
व्यावसायिक ईंट वाले भवनों के लिए 39 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर
व्यावसायिक आरसीसी वाले भवनों के लिए 45 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर
दुकान मालिकों को 15 वर्ग मीटर की दुकान या एकमुश्त मुआवजा दिया जाएगा
एक वर्ष से अधिक समय से जोशीमठ में किरायेदार दुकानदारों को एकमुश्त दो लाख रुपये की राशि और भविष्य में स्थायी पुनर्वास वाली जगह पर दुकान के लिए प्राथमिकता
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स्थायी पुनर्वास के लिए तीन विकल्पों को मंजूरी
आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जोशीमठ आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए आवासीय और व्यावसायिक श्रेणी में तीन-तीन विकल्प सुझाए गए हैं। आपदा प्रभावित इनमें से किसी एक विकल्प का चयन कर सकते हैं।
आवासीय भवनों के लिए तीन विकल्प
विकल्प एकः आपदा प्रभावित अपने क्षतिग्रस्त आवासीय भवन का मुआवजा निर्धारित दर पर और भूमि का मुआवजा तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में निर्धारित होने वाली दरों के आधार पर प्राप्त कर सकते हैं।
विकल्प दोः आपदा प्रभावित भवन का मुआवजा लेने के साथ आवासीय भवन बनाने के लिए अधिकतम क्षेत्रफल 75 वर्ग मीटर (50 वर्ग मीटर भवन निर्माण और 25 वर्ग मीटर गौशाला, अन्य कार्यों के लिए) भूमि दी जाएगी।
विकल्प तीनः आपदा प्रभावित की ओर से अपनी भूमि एवं भवन के सापेक्ष निर्मित आवासीय भवन की मांग की जा सकती है। अधिकतम 50 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर राज्य सरकार की ओर से घर बनाकर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त भूमि होने पर उसका अलग से मुआवजा दिया जाएगा।
व्यावसायिक भवनों के लिए तीन विकल्प
विकल्प एकः आपदा प्रभावित अपने क्षतिग्रस्त व्यावसायिक भवन, दुकान का मुआवजा निर्धारित दर पर और भूमि का मुआवजा तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में निर्धारित होने वाली दरों के आधार पर ले सकते हैं।
विकल्प दोः आपदा प्रभावित भवन का मुआवजा लेने के साथ दुकान, व्यावसायिक प्रतिष्ठान के लिए भूमि की मांग करते हैं तो ऐसी स्थिति में दुकान, व्यावसायिक प्रतिष्ठान निर्माण के लिए अधिकतम क्षेत्रफल 15 वर्ग मीटर तक की भूमि दी जाएगी।
विकल्प तीनः आपदा प्रभावित दुकान, व्यावसायिक प्रतिष्ठान स्वामी की ओर से निर्मित दुकान, व्यावसायिक प्रतिष्ठान की मांग की जाती है तो ऐसी स्थिति में चिन्हित स्थल पर अधिकतम 15 वर्ग मीटर क्षेत्रफल भूमि पर दुकान, व्यावसायिक प्रतिष्ठान का निर्माण राज्य सरकार करके देगी।
विकल्पों के चयन के साथ इन शर्तों को करना होगा पूरा
यदि किसी प्रभावित परिवार के पास भूमि, भवन स्वामित्व के वैध अभिलेख नहीं हैं तो ऐसे परिवारों को विद्युत बिल, पानी के बिल, सीवर कर, भवन कर आदि के साथ ही शपथपत्र के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा। बिल दो जनवरी 2023 से पूर्व के होने चाहिए।
भूमि की राहत राशि के भुगतान से पूर्व यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रभावित की ओर से भूमि से संबंधित सभी देयक पूर्ण कर दिए गए हों। इसके लिए संबंधित विभागों की ओर से जारी प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा।
प्रभावित परिवारों, व्यक्तियों को स्वीकृत धनराशि सर्वेक्षण टीम की ओर से किए गए सर्वेक्षण एवं मापन के आधार पर राहत सहायता वितरित की जाएगी।
पुनर्वास पैकेज, राहत सहायता के भुगतान से पूर्व प्रभावित परिवारों को पूर्व में वितरित पैकेज की अग्रिम धनराशि एक लाख रुपये का समायोजन किया जाएगा।
प्रभावित हुए भूमि, भवन, दुकान स्वामी कोई भी विकल्प चुनते हैं, उसके लिए उन्हें उप जिलाधिकारी जोशीमठ की अध्यक्षता में गठित समिति के सम्मुख प्रस्तुत होना होगा।
मुआवजे से असंतुष्ट प्रभावित व्यक्ति अपर जिलाधिकारी चमोली की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष अपील कर सकता है।