
नैनीताल शहर में नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी ठेकेदार उस्मान के मकान को अवैध बताते हुए जिला विकास प्राधिकरण की ओर से नोटिस दिए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया। याचिका दाखिल करने वाली उस्मान की पत्नी हुसन बेगम को इस मामले में राहत न देते हुए प्राधिकरण के सामने अपना पक्ष रखने को कहा है।
हुसन बेगम की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट में सोमवार को मेंशन कर बताया कि जिला विकास प्राधिकरण ने उसके पति के रुक्कुट कंपाउंड स्थित आवास को अवैध बताते हुए नोटिस जारी किया है। पति उस्मान जेल में है। इस कारण 22 मई को जिला विकास प्राधिकरण के समक्ष प्रस्तुत होकर अपना पक्ष रखना संभव नहीं है। इसलिए नोटिस पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया। जबकि शासन की ओर से कहा गया कि हुसन बेगम की पूर्व में दायर याचिका आपराधिक प्रकृति की है, जबकि वर्तमान मामला सिविल वाद से जुड़ा है। इसलिए पूर्व में विचाराधीन आपराधिक याचिका में सिविल वाद से जुड़े प्रकरण की सुनवाई नहीं की जा सकती।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को जिला विकास प्राधिकरण के समक्ष अपना पक्ष रखने की सलाह दी।