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UP Board: पूरी हुई यूपी बोर्ड की परीक्षा, 17 दिन में दर्ज हुए 113 केस, अब रिजल्ट देने की तैयारी

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यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा बुधवार को पूरी हो गई। 24 फरवरी से 12 मार्च तक आयोजित परीक्षा में 17 दिनों के दौरान फर्जी परीक्षार्थी, फर्जी कक्ष निरीक्षक पकड़े जाने समेत अन्य मामलों में कुल 113 एफआईआर दर्ज कराई गई। आखिरी दिन कानपुर व कन्नौज में दूसरे की जगह परीक्षा देते एक-एक फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गए।

इसके साथ ही अंतिम दिन इंटर की परीक्षा में एक परीक्षार्थी नकल करते हुए पकड़ा गया। नकल करने वाले परीक्षार्थियों की कुल संख्या 30 हो गई है, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे कम है। वहीं, इस बार की परीक्षा में कुल 49 फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12 अधिक है। पिछले दो वर्षों में केंद्र के बाहर उत्तर पुस्तिकाएं लिखे जाने कोई घटना नहीं हुई थी। लेकिन, इस बार दो मामले सामने आए हैं। जबकि, पेपर लीक और प्रश्नपत्र के गलत बंडल खुलने की कोई घटना नहीं हुई।

यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि परिषद मुख्यालय व क्षेत्रीय कार्यालयों के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से परीक्षा अवधि में सतत निगरानी की गई। परीक्षा के दौरान 19 जनपदों के 24 परीक्षा केंद्रों पर मानक संचालन प्रक्रिया का पालन न करने, पांच जनपदों के पांच परीक्षा केंद्रों के कक्षों में संदिग्ध गतिविधियों के परिलक्षित होने, 17 जनपदों के 20 केंद्रों के सीसीटीवी बंद होने और 32 जनपदों के कंट्रोल रूम द्वारा प्रभावी मॉनिटरिंग न करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। 

अराजकतत्व सोशल मीडिया पर किसी प्रकार की भ्रामक खबर प्रसारित न कर सकें, इसके लिए यूपी बोर्ड मुख्यालय में एक क्विक रिस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी) का गठन किया गया था, जिसके द्वारा भ्रामक खबरों पर नजर रखते हुए त्वरित निराकरण किया गया। परीक्षा के दौरान केंद्रों पर पुनः परीक्षा की आकस्मिक स्थिति में परीक्षा कराए जाने में विलंब न हो, इसके लिए पहली बार प्रश्नपत्रों के अतिरिक्त सेट सभी परीक्षा केंद्रा पर रखे जाने की व्यवस्था की गई।

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सचिव ने बताया कि प्रश्नपत्रों की फूलप्रूफ सुरक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों के स्ट्रॉन्ग रूम में प्रश्नपत्रों के रखे जाने से पूर्व परिषद मुख्यालय प्रयागराज के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से स्ट्रॉन्ग रूम की कनेक्टिविटी की गहन जांच की गई। इसमें 338 केंद्रों के सीसीटीवी कैमरे लाइव नहीं थे, जिन्हें तत्काल लाइव कराया गया। यह सुनिश्चित किया गया कि स्ट्रॉन्ग रूम के सीसीटीवी कैमरे प्रत्येक दशा में 24 घंटे क्रियाशील रहें।

परीक्षा केंद्रों पर लगे 2.91 लाख सीसीटीवी कैमरे

परीक्षा केंद्रों एवं स्ट्रॉन्ग रूम की 24 घंटे ऑनलाइन सतत निगरानी के लिए सभी 8140 परीक्षा केंद्रों के 1.33 लाख परीक्षा कक्षों और परिसर में 2.91 लाख से अधिक वॉयस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम के साथ ही माध्यमिक शिक्षा परिषद, मुख्यालय, प्रयागराज एवं परिषद के सभी पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों मेरठ, बरेली, प्रयागराज, वाराणसी व गोरखपुर में एक-एक कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया गया।

उत्तर पुस्तिकाओं में पहली बार क्यूआर कोड

यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में पहली बार उत्तर पुस्तिकाओं व उनके आंतरिक पृष्ठों की अदला-बदली की आशंकाओं के मद्देनजर उत्तर पुस्तिकाओं पर सुरक्षात्मक क्यूआर कोड, क्रमांक संख्या के मुद्रण के साथ आंतरिक पृष्ठ पर परिषद का लोगो और प्रत्येक पृष्ठ पर पृष्ठ संख्या का मुद्रण कराया गया। साथ ही सिलाईयुक्त उत्तर पुस्तिकाओं को गतवर्ष से भिन्न चार अलग-अलग रंगों में तैयार कराया गया।

इंटरमीडिएट अंग्रेजी की परीक्षा 1.46 लाख ने छोड़ी

यूपी बोर्ड की आखिरी दिन हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में 94 फीसदी परीक्षार्थी उपस्थित रहे। दूसरी पाली में हाईस्कूल के विषय इलेक्ट्रीशियन, आपदा प्रबंधन, सोलर सिस्टम रिपेयर, प्लंबर के लिए 28 व इंटर अंग्रेजी, कृषि गणित, प्रारंभिक सांख्यिकी पंचम प्रश्नपत्र व कृषि रसायन विज्ञान दशम प्रश्नपत्र के लिए 24,76,853 परीक्षार्थी (कुल 24,76,881) पंजीकृत थे। इनमें से 23,30,203 उपस्थित रहे और 1,46,678 ने परीक्षा छोड़ दी। पहली पहली पाली में हाईस्कूल के विषय गुजराती, उर्दू, पंजाबी, बंगला, मराठी, आसामी, उड़िया, कन्नड़, कश्मीरी, सिंधी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, नेपाली के लिए 54,930 एवं इंटरमीडिएट के व्यावसायिक वर्ग के विषयों के लिए पंजीकृत 34,788 परीक्षार्थियों (कुल 89,718) में 84,864 उपस्थित व 4584 अनुपस्थित रहे। वहीं, कुल पंजीकृत 25,66,599 में से 24,15,067 उपस्थित व 1,51,532 अनुपस्थित रहे।

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पांच साल पहले पकड़े गए थे सर्वाधिक 108 फर्जी परीक्षार्थी

पिछले पांच वर्षों की बात करें तो यूपी बोर्ड की परीक्षा में वर्ष 2020 में सर्वाधिक 108 फर्जी परीक्षार्थी और 759 परीक्षार्थी नकल करते हुए पकड़े गए थे। वहीं, वर्ष 2022 में 47, 2023 में 133 व 2024 में 37 फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गए। जबकि, नकल में पकड़े गए परीक्षार्थियों की संख्या क्रमश: 190, 127 व 48 रही। केंद्र के बाहर उत्तर पुस्तिकाएं लिखे जाने के सर्वाधिक सात मामले वर्ष 2020 व दो मामले 2022 में सामने आए थे। 2023 व 2024 में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया। वहीं, प्रश्नपत्रों के लीक होने की घटना केवल वर्ष 2020 व 2022 में हुई, जबकि प्रश्नपत्र के गलत बंडल खुलने का मामला केवल एक बार वर्ष 2020 में सामने आया था।