यूक्रेन: राष्ट्रपति वलोदीमीर जेलेंस्की हथियार और सहायता के लिए पहुंचे फ्रांस

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यूक्रेन: राष्ट्रपति वलोदीमीर जेलेंस्की हथियार और सहायता के लिए पहुंचे फ्रांस

यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोदीमीर जेलेंस्की और अधिक यूरोपीय हथियार और सहायता लेने के लिए दुर्लभ युद्धकालीन यात्रा पर फ्रांस पहुंचे। फ्रांस की ओर से उन्हें भरपूर मदद का भरोसा भी मिला है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने जेलेस्की का स्वागत किया। इमैनुएल मैक्रों ने ट्वीट किया, “यूक्रेन फ्रांस पर भरोसा कर सकता है।” मैक्रों ने जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ के साथ पेरिस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की।

इससे पहले जेलेस्की ब्रिटेर के दौरे पर थे। रूसी संघर्ष के बाद अपनी पहली ब्रिटेन यात्रा में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की बुधवार को ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक के साथ बैठक के लिए 10 डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचे और सभी सांसदों को संबोधित किया। जेलेंस्की अपने संबोधन में पूरी तरह से जोश में नजर आ रहे थे। उन्होंने सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि रूस बुरी तरह से युद्ध हारने वाला है क्योंकि हमें कई देशों का समर्थन मिल रहा है। खासकर मैं ब्रिटिश सरकार का धन्यवाद करना चाहता हूं जिसने शुरू से अब तक हमारा साथ दिया। चाहे वह आर्थिक मोर्चा हो या सैन्य मोर्चा। जेलेंस्की ने कहा कि मैं हमारे बहादुर सैनिकों की ओर से आपके सामने खड़ा हूं, जो इस समय तोपखाने की आग के नीचे रूसी हमले का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। जेलेस्की ने किंग चार्ल्स से भी मुलाकात की।

इससे पहले सुनक ने कहा कि राष्ट्रपति जेलेंस्की की ब्रिटिश यात्रा उनके देश के साहस, दृढ़ संकल्प और लड़ाई और हमारे दोनों देशों के बीच अटूट दोस्ती का प्रमाण है। सुनक ने कहा कि 2014 से ब्रिटेन ने यूक्रेनी बलों को महत्वपूर्ण प्रशिक्षण प्रदान किया है, जिससे वे अपने देश की रक्षा कर सकते हैं, अपनी संप्रभुता की रक्षा कर सकते हैं और अपने क्षेत्र के लिए लड़ सकते हैं।

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सुनक ने कहा कि मुझे गर्व है कि आज हम सैनिकों से नौसैनिकों और लड़ाकू जेट पायलटों के लिए उस प्रशिक्षण का विस्तार करेंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि यूक्रेन के पास भविष्य में अपने हितों की अच्छी तरह से रक्षा करने में सक्षम सेना है। यह हमारी प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है कि न केवल अल्पावधि के लिए सैन्य उपकरण प्रदान करें। लेकिन आने वाले वर्षों में यूक्रेन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने का दीर्घकालीन संकल्प।


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