
अहमदाबाद विमान हादसे के आठ मृतकों के परिजनों से दूसरे परिजन का डीएनए सैंपल मांगा गया है, क्योंकि पहले दिए गए सैंपल का मिलान शवों से नहीं हो पाया। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधीक्षक राकेश जोशी ने बताया, जब लंबे समय तक कोई डीएनए मैच नहीं होता, तब किसी अन्य रिश्तेदार से सैंपल मांगा जाता है। अगर पहले एक भाई या बहन ने सैंपल दिया हो, तो अब दूसरे भाई-बहन का सैंपल लिया जाता है। उन्होंने आगे कहा, हम आमतौर पर पिता या बेटे या बेटी का सैंपल लेना पसंद करते हैं। अगर ये उपलब्ध न हों, तो परिवार के किसी अन्य सदस्य का सैंपल लिया जाता है।
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि अधिकतर मामलों में भाई-बहनों के सैंपल से मिलान सफल हुआ है। ऐसे आठ परिवार हैं जिनका पहला सैंपल का मिलान नहीं हुआ, इसलिए दूसरा सैंपल मांगा गया है। शुक्रवार तक 231 मृतकों के डीएनए सैंपल का मिलान हो चुका है और 210 शव परिजनों को सौंपे जा चुके हैं।
जोशी ने शुक्रवार को बताया था कि डीएनए मिलान की प्रक्रिया बेहद संवेदनशील होती है और इसमें कानूनी प्रक्रिया भी शामिल होती है, इसलिए इसे पूरी गंभीरता और तेजी से किया जा रहा है। परिजनों को जल्द से जल्द शव सौंपने के लिए फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, संबंधित संस्थाएं, स्थानीय प्रशासन, राज्य सरकार का स्वास्थ्य विभाग और अन्य एजेंसियां लगातार मिलकर काम कर रही हैं।
एयर इंडिया के चालक दल के सदस्य का अंतिम संस्कार
एयर इंडिया के चालक दल के सदस्य दीपक पाठक के अंतिम संस्कार के दौरान लोग भावुक दिखे। शनिवार को बदलापुर के एक श्मशान में हजारों लोगों की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार किया गया। दीपक पाठक (34 वर्षीय) पिछले 11 वर्षों से एयर इंडिया में काम कर रहे थे। वह लंदन जा रही उस उड़ान में चालक दल के सदस्य थे, जो 12 जून को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी।
उनका शव की डीएनए परीक्षण के जरिए पहचान की गई। नौ दिन बाद उनका शव उनके परिवार को सौंपा गया। जब उनका ताबूत अंबरनाथ-बदलापुर रोड स्थित रावल कॉम्प्लेक्स में उनके घर पहुंचा, तो लोग अपने आंसू नहीं रोक पाए। भीड़ में हर किसी की आंखें नम थीं। ताबूत के साथ दीपक की एक बड़ी तस्वीर भी थी, जिसे श्रद्धांजलि देते हुए लोगों ने फूल चढ़ाए। अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोग शामिल हुए। परिवार, दोस्त, पड़ोसी और अन्य लोग फूलों से सजे ट्रक के पीछे-पीछे मंजरली श्मशान तक पैदल चले।
परिवार ने याद किया कि विमान के उड़ान भरने से पहले दीपक ने सोशल मीडिया पर अपनी फोटो साझा की थी। उनकी बहन ने कहा, उन्होंने उस सुबह मां को फोन करके ‘गुड मॉर्निंग’ कहा था। वही उनकी आखिरी आवाज थी जो हमने सुनी। दीपक पांच भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर थे और उन्होंने चार साल पहले शादी की थी। उनके परिवार में बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी और दो विवाहित बहनें हैं।
एयर इंडिया ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देना शुरू किया
एयर इंडिया ने 12 जून को हुए विमान हादसे के मृतकों और बचे लोगों के परिजनों को 25 लाख रुपये की अंतरिम मुआवजा राशि देना शुरू कर दिया है। एयरलाइनने बताया कि इस राशि का भुगतान 20 जून से शुरू हो चुका है और अब तक तीन परिवारों को यह मुआवजा मिल चुका है। बाकी के दावे भी प्रक्रिया में हैं।
एयरलाइन ने बताया कि अहमदाबाद में प्रभावित परिवारों और व्यक्तियों को मानसिक और भावनात्मक मदद देने के लिए प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिकों और डॉक्टरों की एक टीम तैनात की गई है। इसके साथ ही, चिकित्सा कर्मियों की टीम में नर्स और फार्मासिस्ट भी शामिल हैं, जो स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं।
एयर इंडिया ने 14 जून को घोषणा की थी कि वह हादसे के मृतकों और जीवित बचे हुए लोगों के परिवारों को तुरंत वित्तीय मदद के लिए 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देगी। यह राशि टाटा संस द्वारा पहले घोषित 1 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि के अलावा है।
एयर इंडिया ने यह भी कहा कि 15 जून से एक केंद्रीकृत हेल्प डेस्क काम कर रहा है, जो मुआवजा के दावों को जल्दी से प्रक्रिया में लाने में मदद करता है। इस सिंगल विंडो प्रणाली से दस्तावेजों की जांच और मुआवजा प्रक्रिया तेजी से हो रही है। एयरलाइन ने यह भी बताया कि वह जमीन पर घायल हुए लोगों और मृतकों के परिवारों से संपर्क कर मुआवजा प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। परिवारों की डीएनए पहचान में भी मदद की जा रही है। जब अस्पताल से मृतकों के शव छोड़े जाते हैं, तो कम से कम एक देखभालकर्ता परिवार के साथ रहता है ताकि शव को सुरक्षित ढंग से ले जाया जा सके और अंतिम संस्कार सम्मानपूर्वक किया जा सके।
247 शवों कीडीएनए जांच से पहचान हुई
अहमदाबाद में 12 जून को हुए दर्दनाक विमान हादसे में जान गंवाने वाले लोगों में से अब तक 247 की पहचान डीएनए जांच के जरिए हो चुकी है। इनमें से 232 शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं। अधिकारियों ने शनिवार को इसकी जानकारी दी।
यह विमान लंदन जा रहा था, लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद ही मेघाणीनगर स्थित एक छात्रावास परिसर में जा गिरा। हादसे में 270 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें से 241 विमान में सवार थे। एक यात्री बच गया।