हल्द्वानी- गौला में खनन को निजी हाथों में देने के खिलाफ आज हजारों की संख्या में खनन कारोबारी सड़क पर उतरे।
गौला में खनन को निजी हाथों में देने के खिलाफ आज हल्द्वानी में गौला खनन संघर्ष समिति के बैनर तले हजारों की संख्या में खनन कारोबारी सड़कों पर उतर गए। बुध पार्क से एसडीएम कोर्ट तक जुलूस निकालकर प्रदर्शन करते हुए राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गौला नदी में खनन को निजी हाथों में देने के साथ ही वाहनों की फिटनेस को पूर्व की भांति किए जाने की मांग को लेकर खनन कारोबारी लगातार आंदोलन कर रहे है। जिसके बाद आज जुलूस निकालकर सभी वाहन स्वामियों ने एसडीएम कोर्ट में प्रदर्शन करते मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा, उन्होंने कहा की गौला खनन से लाखों लोगों का रोजगार जुड़ा हुआ है जिसे निजी हाथों में देकर सरकार उनके साथ अन्याय कर रही है, उन्होंने कहा कि अगर जल्द सरकार ने उनकी मंगो पर कार्रवाई नहीं करी तो जल्द एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
उपरोक्त क्षेत्र में लगभग 12000 वाहन खनन कार्य के लिए पंजीकृत किए गए हैं जो कि ट्रक एवं ट्रैक्टर के रूप में संचालित किये जाते हैं। वर्तमान में इस कार्य में लगभग 2 लाख परिवार
परिचालक, श्रमिक, व्यवसायी एवं मिस्त्री वर्ग) प्रत्यक्ष वह अप्रत्यक्ष रूप से इसी कार्य से अपनी आजीविका का निर्वहन कर रहा है और यही इनका लघु उद्योग और यही इनका एकमात्र रोजगार है। वर्तमान में क्षेत्र के खनन से जुड़े समस्त वाहन स्वामियों के मध्य आर्थिक भय एवं असमंजस की स्थिति पैदा हो गयी है जो की
निम्नवत है। 1- क्षेत्र की समस्त नादियों का निजीकरण किया जा रहा है जबकि इन नदियों से हमेशा ही लक्ष्य की पूर्ति की जाती आ रही है न ही कभी राजस्व की हानि हुई। आज से 12 वर्ष पूर्व तक क्षेत्र में निजीकरण की व्यवस्था थी जिस कारण प्रकृति का भारी दोहन कर राजस्य को काफी हानि पहुंचाई गई तथा काफी अराजकता का माहौल हुआ करता था।
2-परिवहन विभाग द्वारा आधुनिक फिटनेस सेंटर का निजीकरण उत्तराखंड के जिला ऊधम सिंह नगर में आधुनिक फिटनेस सेंटर पर फिटनेस करने पर वाहनों से रु0 1800/- से 4000/- मैं होने वाली सरकारी फिटनेश शुल्क से रु0 12000/- से 20000/- तक की अतिरिक्त वसूली कर फिटनेस की जा रही है इसी क्रम में नैनीताल जिले में भी आधुनिक फिटनेस सेंटर का निजीकरण कर उपरोक्तानुसार धनराशि वसूलने का प्राविधान किया जा रहा है, जिसे बंद किया जाय या गौला के वाहनों की फिटनेस परिवाहन विभाग द्वारा
पूर्व की भांति भौतिक रूप से किया जाय। 3- दूसरी तरफ खनन वाहनों में जी.पी.एस को बाध्य किया जा रहा है। खनन से जुड़े वाहन खनन क्षेत्र से मात्र 7 किलोमीटर की परिधि में अपना कार्य करते हैं। गौला के वाहनों में पूर्व से ही आरआईएसडी चिप लगी हुई है जिस कारण उन वाहनों पर जीपीएस का अतिरिक्त बोझ न डालते हुए इसकी बाध्यता को समाप्त किया जाए। 4- 15 साल पुराने वाहनों पर रु0 14400/ की फिटनेस फीस लेने का प्रावधान किया जा रहा है जबकि खनन से जुड़े वाहन वर्ष में तीन से चार महीने ही कार्य कर पाते हैं अन्य 8 महीने वे परिवहन विभाग में सरेंडर कर दिए जाते हैं जिस कारण उनसे फिटनेस फीस रु0 1440/पूर्व की भांति हो इसका प्रावधान करने की कृपा की जाए।
उपरोक्त विषय पर माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी से समस्त पीड़ित वाहन स्वामी एवं क्षेत्र वासियों का अनुरोध है कि उक्त ज्वलंत समस्याओं पर गहन विचार कर उनको पूर्व की भांति यथावत रखने पर विचार एवं उसमें स्वीकृति देने की कृपा करें। उपरोक्त जनहित में किए गए कार्य के लिए समस्त वाहन स्वामी एवं क्षेत्रवासी सदैव आपके आभारी रहेंगे।