बिहार में पिछले 24 घंटे में आंधी, बारिश और वज्रपात ने जमकर तबाही मचाई है। नालंदा, सीवान, सारण, भोजपुर, अरवल, गया, दरभंगा, जमुई और सहरसा समेत 20 जिलों में 61 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। इसमें सबसे अधिक मौतें नालंदा में हुई। यहां पेड़ गिरने से 22 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। वहीं सीवान में वज्रपात से चार लोगों की मौत हुई। वज्रपात से कुल 23 लोगों की मौत हुई। आंधी और बारिश के कारण नालंदा के इस्लामपुर थाना क्षेत्र में बालमत बिगहा गांव में एक पुल ध्वस्त हो गया। इसके नीचे शरण लिए तीन लोग इसमें दब गए। तीनों की मौत हो गई। मौसम विभाग की मानें तो गुरुवार को 40 से 50 किमी की रफ्तार से हवा चल रही थी। वहीं बारिश की बात करें सबसे अधिक पटना में 42.6 एमएम बारिश हुई।
इधर, आंधी और बारिश के कारण यातायात भी प्रभावित हुई। नालंदा के इस्लामपुर में पुल टूटने के कारण यातायात बाधित हो गया। अरवल में एनएच 139 पर विशाल पेड़ गिरने से घंटों यातायात बाधित रहा। गया-मानपुर रेलवे ट्रैक पर शहीद ईश्वर चौधरी हॉल्ट के ट्रैक्शन का तार टूटकर गिर गया। वहीं किऊल-झाझा रेलवे ट्रैक पर पेड़ गिर गया। खराब मौसम के कारण किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है। गेहूं की फसल बर्बाद हो गई। आम के टिकोले आंधी में झड़ गए। लीची को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
इन जिलों में बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को भी कई जिलों में एक या दो स्थानों पर तेज हवा के साथ बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज, सुपौल, मधुबनी, सहरसा, मधेपुरा, सीतामढ़ी, शिवहर, पश्चिम और पूर्वी चंपारण में बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी किया है। पटना के मौसम की बात करें तो आज सुबह धूप निकली है। ठंडी हवा ने तापमान में गिरावट लाई है। हालांकि यहां भी मौसम विभाग ने बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर, बांका, जमुई, खगड़िया, बेगूसराय, नालंदा, नवादा, औरंगाबाद, कैमूर, बक्सर, रोहतास और भोजपुर में भी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
जानिए कहां कितनी मौतें किस कारण से हुई…
पिछले 24 घंटे में वज्रपात से कुल 23 मौतें हुई। इसमें सबसे ज्यादा सीवान में चार लोगों की मौत हुई। वहीं सारण, दरभंगा, जमुई, सहरसा में दो-दो लोगों ने जान गंवाई। इसके बाद भोजपुर, बेगूसराय, जहानाबाद, मुजफ्फरपुर, कटिहार, मुंगेर, अररिया, नवादा, भागलपुर और पटना में एक-एक लोगों की जान गई। वहीं पेड गिरने और दीवार ढहने से कुल 38 लोगों की मौतें हुईं। इसमें सबसे अधिक 22 लोगों की मौत केवल नालंदा में हुई। जबकि भोजपुर में पांच, अरवल में तीन, गया में तीन, पटना में दो, गोपालगंज, जहानाबाद और जमुई में एक-एक लोगों की मौत हुई।