बहुत बडी बिडम्बना है साहब हमारे यहां राजकाज के कार्यप्रणाली में इससे कई बार तो ऐसा लगता है कि गरीबों के लिए ना कोई सकारात्मक नीति और ना ही कोई दयाभाव के लिए कहीं भी जगह बची हुई है।शायद गरीब की किस्मत में दर दर भटकते रहना ही भगवान की मुहर लगी हुई है।यह ताजा मामला थराली तहसील के अंतर्गत कुलसारी के कुछ दलित परिवारों के साथ हो रहे अन्याय का सामने आया है जिनके सामने अपने घर मकान होते हुए भी सडक पर रहने व सोने की स्थिति पैदा हो गई है।सिर्फ एक सडक और पुल बनाने की एवज में इन दलित परिवारों को बिना मुआवजा और रहने की व्यवस्था किए बगैर ही घरबदर किया जा रहा है,है न यह बडी अफसोसजनक बिडम्बना।
दरअसल कर्णप्रयाग-ग्वालदम-बैजनाथ-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर पिछले वर्षों से चल रहे चौडीकरण कार्य के कारण कुलसारी बाजार के पास नया और बडा मोटर पुल बनने से उसके पास रहने वाले दलित परिवारों की आवासीय मकानों को सडक के तोडा जाना है।जिसकी कार्रवाई बीआरओ ने शुरू भी कर दी है परंतु गरीब दलित परिवारों के घर तोडऩे से पहले ना ही उनको मुआवजा दिया जा रहा है और ना ही उनके लिए रहने की कोई वैकल्पिक व्यवस्था ही गई हैं,जबकि प्रभावित परिवारों का कहना है कि उल्टे बीआरओ उनको घर खाली करने का मौखिक एल्टीमेटम दे गया है।यही नहीं बिना किसी ज्वाइंट इंफेक्शन के इन गरीब लोगों के फलदार पेड और साग सब्जियों के बगीचे मिट्टी में दबा दिए गए हैं।जिससे इन गरीब लोगों की दहशत बढ गई है।
इससे परेशान होकर आज प्रभावित दलित परिवारों ने उपजिलाधिकारी कार्यालय थराली में सांकेतिक धरना देते हुए उनको
न्याय दिलाने की गुहार उपजिलाधिकारी से लगाई है।इस पर उपजिलाधिकारी रवीन्द्र जुंवांठा ने तत्काल कार्यवाही करते हुए तहसीलदार और राजस्व उपनिरीक्षक को तत्काल प्रभाव से मौके पर जाकर मामले की जांच कर आख्या उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं।लेकिन अब आगे देखने वाली बात तो यह होगी कि इन गरीब और दलित परिवार के लोगों की गंभीर समस्याओं का समाधान समय.पर किया जाता है कि नही।फिलहाल यह भविष्य के गर्भ में ही है।
हमने जब इस मामले मे हस्तक्षेप कर बीआरओ के अवर अभियंता कृपाल सिंह से इस मामले मे पूछताछ की तो उन्होंने कहा कि हम शीघ ही इन लोगों की संपत्ति का ज्वाइंट इंफेक्शन किया जायेगा, जिसके आधार पर इनके नुकसान का एस्टीमेट बनाकर इध लोगों को दे दिया जायेगा और कहा कि तबतक इनको बेघर नहीं किय जायेगा।