
एक चूहे की करतूत: 1 करोड़ की डीआर एक्सरे मशीन चूहे ने कर दी कबाड़,मरीज घंटों इंतजार करने पर मजबूर
जीएमसी जम्मू (सरकारी मेडिकल कालेज) की इमरजेंसी में एक चूहे ने एक करोड़ रुपये की डीआर (डायरेक्ट रेडियोग्राफी) एक्सरे मशीन को कबाड़ बना दिया है। मशीन के भीतर चूहे के घुसने और उसके मर जाने से शार्टसर्किट से कई पैनल खराब हो गए हैं। इससे मशीन पूरी तरह से बंद हो गई है। मशीन के खराब होने से मरीजों को एक्सरे के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
खासतौर पर दोपहर बाद की शिफ्ट से अगले दिन सुबह 8 बजे तक सारा लोड इमरजेंसी के रूम नंबर 7 के साथ एक्सरे सेक्शन की दो सीआर (कंप्यूटर रेडियोग्राफी) मशीन पर आ गया है। डीआर मशीन जहां पांच मिनट में सात एक्सरे करने में सक्षम है, वहीं सीआर पांच मिनट में एक ही एक्सरे कर सकती है। इससे मरीजों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।
2015 में हुई थी स्थापित
जीएमसी की इमरजेंसी सेक्शन में प्रमुख डीआर मशीन को वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री पैकेज के तहत स्थापित किया गया था। यह मशीन आठ साल तक सही चलती रही, लेकिन नवंबर 2022 से इसमें खराबी आना शुरू हो गई। मशीन की पांच साल की वारंटी के बाद इसका साल दर सीएमसी (कंप्रिहेंसिव मेंटेनेंस कांट्रेक्ट) करवाया गया, लेकिन जनवरी 2023 में मशीन ने पूरी तरह से जवाब दे दिया।
कंपनी ने दिया अनूठा तर्क
यह मशीन फिलिप्स कंपनी की है। इस बीच सरकार ने सरकारी अस्पतालों में उपकरणों के रखरखाव के लिए टीवीएस कंपनी से अनुबंध कर दिया। कंपनी को शिकायत करने पर मशीन को दुरुस्त करने के लिए फिलिप्स कंपनी को लिखा गया। लेकिन उक्त कंपनी ने यह तर्क दिया कि मशीन में किसी जानवर के मरने पर उसे सीएमसी के तहत नहीं लाया जा सकता है। मशीन में चार बोर्ड स्थापित करके उसे चालू करने के लिए अलग से 36 लाख रुपये देने होंगे।
इसके अलावा मशीन की प्रमुख ट्यूब भी खत्म हो गई है, जिसके लिए अलग से 45 लाख रुपये का खर्चा बताया गया। सीएमसी के लिए नौ लाख रुपये भी दिए गए, जबकि मशीन को एक करोड़ रुपये की लागत से लगाया गया था। जीएमसी प्रशासन के पास अन्य डीआर मशीन के लिए कोई मंजूरी नहीं है, जिससे मरीजों के सामने गहरा संकट खड़ा हो गया है। अब दोपहर की शिफ्ट से अगले दिन सुबह 8 बजे तक मरीजों को इमरजेंसी की दो सीआर मशीनों पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है।