भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 286 दिनों के बाद धरती पर वापस लौट आई हैं। अंतरिक्ष एजेंसी- नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक सुनीता और बैरी विल्मोर को लेकर लौट रहा यान तड़के 3.27 बजे अमेरिका के फ्लोरिडा में समुद्र तल पर उतारा। अलेक्जेंडर गोरबुनोव फ्लोरिडा के तल्हासी में स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान से पृथ्वी पर वापस लौटे। यान का सफल स्प्लैशडाउन होने के बाद, बारी-बारी से निक हेग, बुच विल्मोर, सुनीता विलियम्स और रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री खुशी-खुशी हाथ हिलाते और मुस्कुराते हुए वापस आए। पृथ्वी पर आने के साथ ही सुनीता विलियम्स ने अपना हाथ दिखाकर वहां उपस्थित लोगों का अभिवादन किया।
बता दें कि सुनीता विलियम्स का अंतरिक्ष मिशन 5 जून 2024 को शुरू हुआ था, जो केवल 8 दिनों का था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण वे और उनके साथी बुच विल्मोर, निक हेग और रोस्कोस्मोस 9 महीने तक अंतरिक्ष में फंसे रहे।
अंतरिक्ष में 9 महीने के बाद यात्रियों को स्वास्थ्य पर होगा असर
गौरतलब है कि अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के बाद, हड्डियों और मांसपेशियों पर काफी बुरा असर पड़ सकता है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) में अंतरिक्ष यात्री माइक्रोग्रैविटी (यानि गुरुत्वाकर्षण की कमी) में तैरते हैं, जो उनके शरीर पर असर डालता है। देखा जाए तो पृथ्वी पर हमारे शरीर को हमेशा गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ काम करना पड़ता है, जिससे हमारी मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत रहती हैं। लेकिन अंतरिक्ष में यह गुरुत्वाकर्षण नहीं होता, जिससे मांसपेशियों की ताकत और हड्डियों का घनत्व घटने लगता है।