शाहजहांपुर के कुर्रियाकलां स्थित प्राचीन देवी मंदिर का इतिहास लखीमपुर खीरी जिले की ओयल रियासत से जुड़ा है। करीब पांच सौ वर्ष पुराने इस मंदिर के कपाट वर्ष में केवल दो बार नवरात्र का पारायण होने के बाद तीन दिन के लिए ही खुलते हैं। इस बार सोमवार को सुबह चार बजे मंदिर के कपाट खुलने से पहले पुजारी के परिवार ने वहां सफाई कराकर पूरे परिसर का रंगरोगन कराया है। मंगलवार को भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।
ओयल के मेंढक मंदिर की तरह माता का यह मंदिर भी तंत्र विद्या पर आधारित है। मंदिर के पुजारी पंडित गुरुदेव प्रसाद दीक्षित के अनुसार ओयल रियासत के मेंढक मंदिर की तरह गांव के देवी मंदिर की नींव में कच्छप की तरह आकृति बनी हुई है। किंवदंती के अनुसार एक बार ओयल के तत्कालीन राजा के यहां एक कारीगर ने तांत्रिकों के समक्ष शंकर जी की काष्ठ प्रतिमा को हंसाने की शर्त रखी। इसमें गांव के देवी मंदिर के वर्तमान पुजारी के पूर्वज सहतावन लाल भी पहुंचे।