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नव्य अयोध्या में भी आएगी सरयू की धारा, इक्ष्वाकुपुरी हो सकता है योजना का नाम

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नव्य अयोध्या में भी आएगी सरयू की धारा, इक्ष्वाकुपुरी हो सकता है योजना का नाम

नव्य अयोध्या योजना को वैदिक सिटी के मानकों पर विकसित किया जाएगा। इसलिए यहां सरयू की धारा लाने की तैयारी है। चौधरी चरण सिंह घाट से लेकर नव्य अयोध्या तक घाट भी विकसित किए जाएंगे।
1852 एकड़ में विकसित होने वाली नव्य अयोध्या की लांचिंग दीपोत्सव में हो सकती है। ग्रीनफील्ड टाउनशिप में राम की पैड़ी की तर्ज पर छोटी नहर विकसित की जाएगी, जिसमें सरयू का पानी प्रवाहित होगा। शनिवार को आईआईटी रुड़की व एनआईओएच से आए विशेषज्ञों ने साइट का निरीक्षण कर नहर की योजना पर मुहर लगा दी है

नव्य अयोध्या योजना को वैदिक सिटी के मानकों पर विकसित किया जाएगा। इसलिए यहां सरयू की धारा लाने की तैयारी है। चौधरी चरण सिंह घाट से लेकर नव्य अयोध्या तक घाट भी विकसित किए जाएंगे। नव्य अयोध्या में रहने वाले पर्यटक व श्रद्धालु यदि किसी वजह से सरयू स्नान के लिए नयाघाट तक नहीं जा सकेंगे तो उन्हें यहीं सरयू स्नान की सुविधा होगी।

इसके लिए छोटे-छोटे तालाब विकसित किए जाएंगे। आवास विकास विभाग के अधिशाषी अभियंता ओपी पांडेय ने बताया कि योजना को मूर्त रूप देने की कवायद तेज हो गई है। योजना स्थल पर सड़क के साथ कार्यालय का निर्माण कराया जा रहा है।

शनिवार को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी रुड़की के निदेशक सुधीर कुमार व आईआईटी रुड़की के प्रो़ एनके लोहानी ने योजना की साइट का निरीक्षण किया। विशेषज्ञों ने यहां राम की पैड़ी की तर्ज पर बनने वाले नहर की भी साइट देखी। आईआईटी रुड़की ही नहर की डिजाइन और टाउनशिप का ले-आउट तैयार कर रहा है। योजना का नाम अभी तय नहीं हुआ है। इक्ष्वाकुपुरी अयोध्या योजना का नाम हो सकता है। हालांकि अंतिम निर्णय केंद्र सरकार की ओर से होना है।

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इसी माह आ सकता नाइन सिटी चैलेंज का परिणाम
नव्य अयोध्या योजना एक हजार करोड़ की भी दावेदार है। नाइन सिटी चैलेंज में उत्तरप्रदेश अयोध्या की ग्रीनफील्ड टाउनशिप योजना के साथ शामिल हुआ है। ओपी पांडेय बताते हैं कि नाइन सिटी चैलेंज के मानकों पर हमारी योजना पूरी तरह से खरी उतरती है। इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए योजना में कुछ बदलाव भी किए थे। उम्मीद है कि इस प्रतियोगिता में हमारी योजना जीतेगी। यदि ऐसा होता है तो योजना के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक हजार करोड़ का अनुदान मिलेगा। इसी माह के अंत तक प्रतियोगिता का परिणाम आ जाएगा।

योजना के लिए निर्धारित की गईं दरें
आवासीय प्लाटों की दर-35870 रुपये प्रति वर्गमीटर
व्यावसायिक भूखंडों की दर- 71740 रुपये प्रति वर्गमीटर
मठ-मंदिरों के लिए दर -53805 रुपये प्रति वर्गमीटर
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