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राम मंदिर- खत्म हुआ भक्तों का इंतजार!, इस दिन होगी मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा।।

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राम मंदिर- खत्म हुआ भक्तों का इंतजार!, इस दिन होगी
मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा।।

राम मंदिर खत्म हुआ भक्तों का इंतजार! जानें- कब मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी, सामने आई बड़ी जानकारी श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के विराजने का लंबे समय से राम भक्तों को इंतजार है. ट्रस्ट के सदस्य ने भक्तों के इस इंतजार को खत्म कर दिया है. खत्म हुआ भक्तों का इंतजार! जानें- कब मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी, सामने आई बड़ी जानकारी में भगवान राम लला (Ramlala) के भव्य मंदिर का प्रथम तल इस साल अक्टूबर तक बनकर तैयार हो जाएगा और जनवरी 2024 में रामलला अपने दिव्य भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य ने कहा कि जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के बाद जब भी सबसे अच्छा मुहूर्त होगा उसके हिसाब से मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी.
रामलला की मूर्ति को लेकर राम जन्म भूमि ट्रस्ट ने कहा कि टेस्टिंग के बाद पत्थर अयोध्या आ रहे हैं. इनकी पुनः टेस्टिंग की जाएगी, जिसके बाद जो भी पत्थर बेहतर होंगा उससे रामलला समेत अलग-अलग मूर्तियां तैयार की जाएंगी. उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ रामराज्य की दिशा में भी कदम बढ़े हैं. राम, कृष्ण, शंकर यह त्रिमूर्ति भारत की आत्मा है. उसके बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती. इसी के साथ उन्होंने विरोधियों पर तंज भी कसा कहा अब इसमें जिसको राजनीति सूझती हो वह राजनीति करे.
श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के विराजने का लंबे समय से राम भक्तों को इंतजार है. राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी ने अब राम भक्तों के इस इंतजार को खत्म कर दिया है. उन्होंने रामभक्तों को खुशखबरी देते हुए कहा कि जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के बाद जब भी शुभ मुहूर्त होगा उसी समय रामलला की उनके भव्य और दिव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इस दौरान मंदिर में एक बड़ा कार्यक्रम भी होगा.
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मकर संक्रांति भी एक विषय है. मकर संक्रांति का शास्त्रों में बहुत महत्व है. जनश्रुति में ये बात है जब कोई सूर्य दक्षिणायन में होता है तो शुभ मुहूर्त नहीं हो पाता. शुभ काम नहीं होता. प्रभु राम का गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा बहुत बड़ा काम है, लेकिन ये हमारे सोचने का विषय नहीं है. ये विषय आचार्यों का है वो जैसे निर्णय लेंगे, वैसा ही किया जाएगा.
रामलला की मूर्ति की बात की जाए तो वो किन पत्थरों से तैयार होगी इसको लेकर कामेश्वर चौपाल ने कहा कि पत्थर की जो शिलाएं अयोध्या लाई जा रही हैं उनकी पहले से टेस्टिंग की गई है, लेकिन अयोध्या पहुंचने के बाद उसकी एक बार फिर टेस्टिंग कराई जा रही है. इनमें जो भी बेहतर होंगी उनकी अलग-अलग मूर्तिकारों से तीन मूर्तियों के सैंपल का सेट तैयार होगा. जो मूर्ति सबसे अच्छी होगी उसी को श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित किया जाएगा.
त्रेता युग में राम राज्य के समय जिस समय लोगों में आपसी सद्भाव का निर्माण हुआ था उसी तरह के राम राज्य का निर्माण राम जन्मभूमि पर रामलला का मंदिर निर्माण होने के बाद होगा. उस रामराज की दिशा में कदम आगे बढ़ चुका है. उन्होंने डॉ राम मनोहर लोहिया की बातों को कोड करते हुए कहा कि श्रीराम ने उत्तर से दक्षिण को जोड़ा था, श्री कृष्ण ने पश्चिम को पूरब से जोड़ा था और भगवान शंकर कण-कण में विद्यमान है इसलिए राम कृष्ण और शंकर भारत की आत्मा है उनके बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती.

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