राम मंदिर कोई राष्ट्रीय मंदिर नहीं…इसका कोई संवैधानिक महत्व नहीं है’ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा बयान
पंडित धीरेंद्र शास्त्री को जोशी मठ जाकर चमत्कार दिखाने की नसीहत देने के बाद सुर्खियों में आए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आज कई मुद्दों पर बात की। इस दौरान कई अहम मुद्दों पर सवाल किए। उन्होंने हिंदू राष्ट्र, अखंड भारत धर्म और सनातन धर्म सहित अन्य कई मुद्दों पर सवाल किए।
मुस्लिमों की खलीफा पद्धति की तरह हमारे यहां कभी नहीं हुआ’ खलीफा पद्धति को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा बयान
तीखे सवालों का शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बड़े ही सौम्य,शालीन और बेबाकी से जवाब दिया। इस दौरान शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से पूछा गया कि राष्ट्रीय धर्म है वो सनातन धर्म है और जो राष्ट्रीय मंदिर है वो राम मंदिर है?
धर्म और सनातन धर्म क्या है…दोनों में कितना अंतर है? जानिए क्या कहते हैं शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
इस सवाल के जवाब में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि ये कोई उनकी उद्घोषणा नहीं है, ये उनका भाव उन्होंने निकाला है कि इस देश के मुख्य बहुसंख्यक लोगों का धर्म सनातन है, इस दृष्टि से अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर पूरे राष्ट्र की आकांक्षाओं का द्योतक है। इस दृष्टि से वो कह रहे हैं। इसका कोई संवैधानिक महत्व नहीं है। ऐसा कोई प्रस्ताव हमारे संसद में नहीं है।