
करछना में एक दिन पहले हुए बवाल के मामले में पुलिस ने रात भर उपद्रवियों की तलाश में अलग-अलग इलाकों में तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान 31 अन्य लोग भी हिरासत में लिए गए। 20 लोगों को बवाल के कुछ देर बाद ही हिरासत में ले लिया गया था, ऐसे में अब तक कुल हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या 51 हो गई है। पुलिस इन सभी से पूछताछ में जुटी हुई है। करछना थाने में डीसीपी विवेक यादव के मौजूदगी में पकड़े गए 51 आरोपियों को दो पुलिस वैन से भारी सुरक्षा के साथ मेडिकल कराकर न्यायालय भेजा गया। डीसीपी करछना थाने में ही कैंप कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मौके पर शांति व्यवस्था कायम है। एहतियातन अलग-अलग थानों की फोर्स के साथ पीएसी भी लगाई गई है। बावल में शामिल अज्ञात आरोपियों की पहचान के लिए वीडियो फुटेज का सहारा लिया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला
आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर को प्रयागराज सर्किट हाउस में रोके जाने पर रविवार को करछना में बवाल हो गया था। आक्रोशित भीड़ ने करछना-कोहड़ार मार्ग पर जाम लगा दिया। समझाने पहुंची पुलिस टीम पर प्रदर्शनकारियों ने हमला बोल दिया। पुलिस की तीन गाड़ियों समेत एक दर्जन वाहनों में तोड़फोड़ की और 15 बाइकें फूंक दी थी। पथराव में चौकी प्रभारी समेत आधा दर्जन पुलिसकर्मी चोटिल हो गए थे।
पुलिस ने सर्किट हाउस में कर दिया था नजरबंद
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर को काैशाम्बी के लोहंदा गांव जाकर कथित दुष्कर्म पीड़िता बच्ची के परिजनों से मिलना था। साथ ही विगत दिनों करछना के इसाैटा लोहंगपुर में मारे गए दलित युवक (देवीशंकर) के घर जाना था। इसके लिए चंद्रशेखर रविवार की सुबह 11:40 बजे प्रयागराज पहुंचे थे। इसकी भनक लगने के बाद कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए पुलिस ने उन्हें एयरपोर्ट पर ही रोक लिया और वापस लाैटने के लिए कहा। वह नहीं माने तो उन्हें प्रयागराज में सर्किट हाउस लाया गया। इस पर नाराज होकर वह समर्थकों समेत सर्किट हाउस में ही धरने पर बैठ गए थे।
पुलिस फोर्स देखकर उग्र हो गई भीड़
सर्किट हाउस में चंद्रशेखर को रोके जाने की जानकारी मिली तो करछना में जुटे कार्यकर्ताओं ने करछना-कोहड़ार मार्ग पर भड़ेवरा बाजार में जाम लगा दिया था। मौके पर मौजूद भुंडा चौकी के पुलिसकर्मियों ने हटाना चाहा तो उन्हें खदेड़ दिया। करीब एक घंटे बाद आसपास के थानाें व डायल 112 की गाड़ी संग करछना थाने की फोर्स पहुंची तो कार्यकर्ता उग्र हो गए। उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। तोड़फोड़ करने के साथ ही डायल 112 की गाड़ी पलट दी। हालात देख पुलिसकर्मियों को पीछे हटना पड़ा।
प्रदर्शनकारियों ने नैनी व औद्योगिक थाने की फोर्स के साथ जाम में फंसे अन्य वाहनों पर भी पथराव किया। इसके बाद तीन कंपनी पीएसी लेकर डीसीपी यमुनानगर विवेक यादव पहुंचे। शाम पांच बजे के करीब एडि. सीपी अपराध डॉ. अजयपाल शर्मा माैके पर पहुंचे और फोर्स लेकर आगे बढ़े तक जाकर उपद्रवियों को खदेड़ा जा सका और फिर 5:30 बजे स्थिति नियंत्रण में आई। डीसीपी यमुनानगर का कहना है कि तीन पुलिसकर्मियों के चोटिल होने और तीन पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं।
सूचना मिलने के कुछ ही देर बाद मौके पर पहुंचकर स्थिति नियंत्रण में कर ली गई थी। बवाल में शामिल लोगों को चिह्नित किया जा रहा है। 50 से 60 लोग चिह्नित हुए हैं और 20 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। कानून व्यवस्था के मद्देनजर ही सांसद को लोहंदा व करछना जाने की अनुमति नहीं दी गई। इसलिए उनसे रुकने का निवेदन किया गया। – डॉ. अजयपाल शर्मा, अपर पुलिस आयुक्त अपराध
नहीं जाने दिया तो विस और सीएम कार्यालय का करेंगे घेराव : चंद्रशेखर
मैं कौशाम्बी और करछना जाना चाहता था। मुझे कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक न होने का हवाला देकर रोका गया और यह कहा गया कि कुछ देर बाद जाने दिया जाएगा। मुझे आठ घंटे तक बिना कारण बताए सर्किट हाउस में रोके रखा गया। मुझे नहीं जाने दिया गया। लखनऊ में विधानसभा और मुख्यमंत्री कार्यालय का घेराव किया जाएगा, जिसमें पूरे प्रदेश से आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता शामिल होंगे। – चंद्रशेखर आजाद, राष्ट्रीय अध्यक्ष आजाद समाज पार्टी (कांशीराम)