एक किसान जब दिन-रात अपने खेत में मेहनत करता है, अपनी फसल को तेज धूप, बारिश आदि से बचाता है तब कहीं जाकर उसका फसल हो पाती है और वो उसे बेचकर कुछ पैसे कमा पाता है। किसान को खेती में दिक्कत न हो इसके लिए राज्य सरकारें और केंद्र सरकार दोनों ही कई तरह से उनकी मदद करती है जिसमें से एक है योजनाओं के जरिए।
दरअसल, कई ऐसी योजनाएं हैं जिनके जरिए किसानों की आर्थिक मदद की जाती है और इन्हीं में से एक योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना है। इस योजना को भारत सरकार चलाती है जिसके अंतर्गत किसानों को सालाना 6 हजार रुपये दिए जाते हैं और इस पैसे को 2-2 हजार रुपये की तीन किस्तों में देने का प्रावधान है। इस योजना से जुड़े किसानों को अब तक कुल 19 किस्त मिल चुकी हैं और इस बार बारी है 20वीं किस्त की, लेकिन कई किसान ऐसे भी हैं जिनकी ये किस्त अटक सकती है। ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि किसे 20वीं किस्त का लाभ मिल सकता है और किसे नहीं। तो चलिए जानते हैं इस बारे में।
- पीएम किसान योजना के अंतर्गत अब तक कुल 19 किस्त जारी हो चुकी है और अब बारी 20वीं किस्त की है। जान लें कि योजना की हर किस्त लगभग चार महीने के अंतराल पर आती है। जैसे, 18वीं किस्त अक्तूबर 2024 में तो 19वीं किस्त फरवरी 2025 में जारी हुई और इस हिसाब से 20वीं किस्त जारी होने के चार महीने का समय जून 2025 में पूरा हो रहा है। इसलिए माना जा रहा है कि 20वीं किस्त जून में जारी हो सकती है। हालांकि, अभी आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
नंबर 1
- अगर आपने भू-सत्यापन का काम करवा रखा है तो आपको किस्त मिल सकती है, लेकिन जिन किसानों ने ये काम नहीं करवाया है उनकी किस्त अटक सकती है। इसमें विभाग द्वारा किसानों की जमीन का वेरिफिकेशन होता है। योजना से जुड़े प्रत्येक किसान को ये काम करवाना अनिवार्य होता है।
- उन किसानों की भी किस्त अटक सकती है जिन्होंने ई-केवाईसी नहीं करवाई है। जबकि, जो किसान इस काम को करवा चुके हैं उन्हें किस्त का लाभ मिल सकता है। किसान योजना के आधिकारिक पोर्टल pmkisan.gov.in से, किसान एप से या अपने नजदीकी सीएससी सेंटर से इस काम को करवा सकते हैं।
- योजना के अंतर्गत मिलने वाली किस्त का लाभ लेने के लिए किसानों को आधार लिंकिंग भी करवानी होती है जिसमें आपको अपने बैंक जाकर अपने आधार कार्ड को अपने बैंक खाते से लिंक करवाना होता है। जो किसान इस काम को करवा लेते हैं उन्हें किस्त का लाभ मिल सकता है। जबकि, इस काम को नहीं करवाने वाले किसानों की किस्त अटक सकती है।