मॉकड्रिल: हल्द्वानी- मलबे में दबे लोग..कहीं घरों में घुसा गया पानी, 39 को किया रेस्क्यू, 22 को पहुंचाया अस्पताल

Spread the love

 

मानसून सीजन में आपदा की आंशका को देखते हुए पुलिस ने कई थाना क्षेत्रों में माॅकड्रिल की। अभ्यास के दौरान 39 लोगों को रेस्क्यू किया गया। समय से अस्पताल भी भेजा। पांच परिवारों को राहत सेंटर भेजने का रिहर्सल किया गया।

अतिवृष्टि से होने वाली आपदा से निपटने के साथ ही प्रभावी राहत और बचाव कार्य के लिए मॉकड्रिल की गई। एसपी सिटी प्रकाश चंद्र के पर्यवेक्षण में मॉकड्रिल काठगोदाम, चोरगलिया और लालकुआं के अलावा रामनगर में हुई। काठगोदाम के देवखड़ी तपोवन कॉलोनी, चोरगलिया क्षेत्र के सूर्यानाला और लालकुआं के रेलवे क्रॉसिंग, चाइना बार तथा नरूला पेट्रोल पंप और रामनगर के चुकुम ओर पंपापुरी में मॉकड्रिल हुई। इस दौरान 39 लोगों को रेस्क्यू करने के साथ 22 घायलों को अस्पताल भेजा गया।

तपोवन कॉलोनी में मलबे में दबे दो लोगों के बचाव का रिहर्सल हुआ। चोरगलिया के सूर्यानाला में फंसे दो घायलों को सीएचसी चोरगलिया भेजा गया। तीन गंभीर घायलों को बेस अस्पताल हल्द्वानी भेजा गया। पानी में फंसी एक कार और एक मोटरसाइकिल भी बाहर निकालने का रिहर्सल हुआ। लालकुआं में पानी में फंसे पांच बच्चों और तीन व्यस्कों को सुरक्षित निकालना सिखाया गया। रेलवे क्रॉसिंग के पास से पांच बच्चे और एक युवक को रेस्क्यू किया। हाईवे पर नरुला पेट्रोल पंप के पास से दो घायल व्यक्तियों को 108 एंबुलेंस के माध्यम से भेजा गया।

एसपी सिटी प्रकाश चंद्र ने बताया कि इस दौरान पुलिस टीमों ने पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिये लोगों को नदी व नालों से दूर रहने की चेतावनी दी। मॉकड्रिल के जरिये पुलिस की तैयारियों को भी परखा गया।

और पढ़े  थलीसैण/पौड़ी- भालू के आतंक पर काबू पाने के लिए प्रशासन और वन विभाग द्वारा चलाया जा रहा संयुक्त अभियान

Spread the love
  • Related Posts

    देहरादून: हेलमेट नहीं तो 1 हजार का चालान, पापा की बेल्ट फ्री है जी…उत्तराखंड पुलिस का जागरूकता मीम

    Spread the love

    Spread the love   10 वाला बिस्कुट का पैकेट कितने का है जी… सोशल मीडिया पर रील देखते हुए ये अजीब सा डायलॉग आपने जरूर सुना होगा। भले ये बेहद…


    Spread the love

    उत्तराखंड हाईकोर्ट: बिना वैज्ञानिक सबूत के शराब की गंध के आधार पर वाहन चालक को नशे में मानना गलत: HC

    Spread the love

    Spread the love   उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण व्यवस्था देते हुए कहा है कि बिना वैज्ञानिक सबूत के केवल ‘शराब की गंध’ के आधार पर वाहन चालक को…


    Spread the love