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पौड़ी: वन्य जीव और मानुष एक ही परिवेश में रह सकते है बशर्ते एक-दूसरे से नियमित दूरी हो: जिलाधिकारी

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पौड़ी: वन्य जीव और मानुष एक ही परिवेश में रह सकते है बशर्ते एक-दूसरे से नियमित दूरी हो: जिलाधिकारी

जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने विधानसभा क्षेत्र यमकेश्वर के ग्राम अमोला से लालढांग तक रवासन नदी से होते हुए 22 किमी0 की पैदल ट्रैकिंग की। क्षेत्र के पांच दर्जन से अधिक गांवों के लोग लालढांग, कोटद्वार व नजीबाबाद आने-जाने के लिए इस पैदल मार्ग का उपयोग करते आये हैं। हालांकि लालढांग-धारकोट-एडवासिला मोटर मार्ग व धारकोट-यमकेश्वर मोटर मार्ग की सुविधा होने के बाद इस पैदल मार्ग का उपयोग थोड़ा कम हो गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि रवासन नदी से होकर जाने वाले 22 किलोमीटर के इस पैदल रास्ते पर वन्य जीवों से खुद को बचते-बचाते लालढाग पंहुचना चुनौतीपूर्ण है यथा किसी उपब्लिध से कम नहीं है।

जिलाधिकारी सहित 26 सदस्य ट्रैकिंग दल द्वारा अमोला से लालढांग 22 किमी0 का पैदल सफर 05 घण्टे में पूरा किया गया। दल 03 बजे ट्रैकिंग प्रारम्भ करते हुए दल सायं 8 बजे लालढांग पंहुचा। लालढांग पंहुचने पर जिलाधिकारी ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि इस पैदल मार्ग को मुख्यताया साल्ट रुट के नाम से जाना जाता है, स्थानीय लोगो का कहा था कि वे इस रास्ते से नमक के लिए लालढांग जाते थे। जिलाधिकारी ने कहा कि बिना वन्य जीव संर्घष के रवासन नदी होते हुए लालढांग पंहुचना वन्य जीवों व मनुष्य के बीच तालमेल व क्षेत्रीय लोगो की जागरुता को दर्शाता है। उन्होने कहा कि वन्य जीव और मानुष एक ही परिवेश में रह सकते है बशर्ते एक-दूसरे से नियमित दूरी हो। उन्होने कहा कि क्षेत्र के पांच दर्जन से अधिक गांवों के उपयोग में आने वाले इस पैदल मार्ग का इतिहास बहुत पुराना है जिसका उपयोग क्षेत्र के लोग दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली चीजों को गांवों तक पंहुचाने के लिए किया करते हैं। उन्होने कहा कि राजाजी नेशनल पार्क के किनारें बहने वाली रवासन नदी का यह मार्ग क्षेत्र के लोगों द्वारा शर्टकट के रुप में उपयोग में लाया जाता है लेकिन मार्ग पर चलते समय स्वयं को जंगली जीवों से बचाने के लिए सतर्कता अति आवश्यक है। उन्होने कहा कि लोगो की मुश्किलों को जानने का सबसे कारगर तरीका स्वयं को उनके स्थान पर रखते हुए मुल्यांकन करने से होता है। इससे पता चलता है कि क्षेत्र के लोगों का कितना मेहनती व संर्घशील व्यक्तित्व है। इस दौरान जिलाधिकारी ने राजाजी नेशनल पार्क में वन गुज्जरों से मुलाकात करते हुए उनकी समस्याओं को सुना तथा उनकी समस्याओं के हर सम्भाव्य समाधान का भरोसा दिया।

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