National Herald office : ED टीम की बड़ी छापेमारी, नेशनल हेराल्ड के दफ्तर समेत 14 ठिकानों पर छापे।

Spread the love

प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने दिल्ली स्थित नेशनल हेराल्ड के दफ्तर में छापा मारा है। जानकारी के मुताबिक, ईडी के अधिकारी नेशनल हेराल्ड के दफ्तर में मौजूद हैं और तलाशी अभियान चला रही हैं। गौरतलब है कि इस मामले में पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी पूछताछ हो चुकी है। जानकारी के मुताबिक, नेशनल हेराल्ड मामले में देश भर में 14 लोकेशन पर छापेमारी की गई। इसमें नेशनल हेराल्ड का दफ्तर भी शामिल है। 
देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने 20 नवंबर 1937 को एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी AJL का गठन किया था। इसका उद्देश्य अलग-अलग भाषाओं में समाचार पत्रों को प्रकाशित करना था। तब AJL के अंतर्गत अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज समाचार पत्र प्रकाशित हुए। भले ही AJL के गठन में पं. जवाहर लाल नेहरू की भूमिका थी, लेकिन इसपर मालिकाना हक कभी भी उनका नहीं रहा। क्योंकि, इस कंपनी को 5000 स्वतंत्रता सेनानी सपोर्ट कर रहे थे और वही इसके शेयर होल्डर भी थे। 90 के दशक में ये अखबार घाटे में आने लगे। साल 2008 तक AJL पर 90 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज चढ़ गया। तब AJL ने फैसला किया कि अब समाचार पत्रों का प्रकाशन नहीं किया जाएगा। अखबारों का प्रकाशन बंद करने के बाद AJL प्रॉपर्टी बिजनेस में उतरी। 
2010 में AJL के 1057 शेयरधारक थे। घाटा होने पर इसकी होल्डिंग यंग इंडिया लिमिटेड यानी YIL को ट्रांसफर कर दी गई। यंग इंडिया लिमिटेड की स्थापना उसी वर्ष यानी 2010 में हुई थी। इसमें तत्कालीन कांग्रेस पार्टी के महासचिव राहुल गांधी डायरेक्टर के रूप में शामिल हुए। कंपनी में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी के पास रखी गई। शेष 24 फीसदी कांग्रेस नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस (दोनों का निधन हो चुका है) के पास थी। 
शेयर ट्रांसफर होते ही AJL के शेयर होल्डर्स सामने आ गए। पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण, इलाहाबाद व मद्रास उच्च न्यायालयों के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू सहित कई शेयरधारकों ने आरोप लगाया कि जब YIL ने AJL का ‘अधिग्रहण’ किया था तब उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया था। यही नहीं, शेयर ट्रांसफर करने से पहले शेयर होल्डर्स से सहमति भी नहीं ली गई। बता दें कि शांति भूषण और मार्कंडेय काटजू के पिता के नाम पर AJL में शेयर था।

और पढ़े  आम आदमी पार्टी: पूर्व शिक्षा मंत्री सीएम मनीष सिसोदिया- प्राइवेट स्कूल शिक्षा के मंदिर नहीं, माफिया के अड्डे बनते जा रहे

Spread the love
  • Related Posts

    चम्मच मरीज के पेट में- 30 मिनट में निकाली 8 सेमी लंबी चम्मच, डॉक्टरों ने किया कमाल

    Spread the love

    Spread the love   शालीमार बाग स्थित निजी अस्पताल में एक 30-वर्षीय पुरुष की दुर्लभ और असामान्य मेडिकल इमरजेंसी की गई। डॉ. रमेश गर्ग, सीनियर डायरेक्टर एवं एचओडी, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी के…


    Spread the love

    जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: इस बार आपको भी होना है जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल तो जानिए कैसे और कब पहुंचे पुरी

    Spread the love

    Spread the love   हर साल लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है। इस रथ यात्रा में स्वयं भगवान भक्तों के बीच रथ पर सवार…


    Spread the love

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    error: Content is protected !!