एक नंबर पर दो-दो आधार दर्ज होने की गड़बड़ी ने हाईस्कूल छात्र के भविष्य की नींव पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सिस्टम की खामी से चिंतित परिजन बच्चे के पहचान संबंधी दस्तावेज दुरुस्त कराने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटकर थक चुके हैं। अब अभिभावकों को डर सता रहा है कि इस तकनीकी चूक की कीमत बेटे के कॅरिअर पर भारी न पड़ जाए। मामले में जिम्मेदार दस्तावेज में हुई गड़बड़ी को दुरुस्त करने का दावा कर रहे हैं।
अमित जोशी पुत्र हरीश चंद्र जोशी, निवासी किशनपुर सकुलिया, पोस्ट मोटाहल्दू, लालकुआं को आधार कार्ड (2131 0011 9423) जारी किया गया। काश्तकार हरीश ने बताया कि जन्म के पांच वर्ष बाद उन्होंने अमित का आधार कार्ड बनवाया था। तब डाक के माध्यम से कार्ड घर आने के नियम के चलते वह उसका इंतजार करते रहे। जब आधार घर नहीं आया तो रसीद से ऑनलाइन माध्यम से पहचान संबंधी दस्तावेज निकलवा लिया। इस नंबर का ओटीपी भी उनके मोबाइल नंबर पर आया था। बेटा अमित बीबीवीएम स्कूल किशनपुर सकुलिया में हाईस्कूल का छात्र है। बोर्ड के ऑनलाइन परीक्षा फार्म भरने में दिक्कत आई तो बताया गया कि इस नंबर से किसी दूसरे अमित का कार्ड बना है, इसलिए इस दस्तावेज को सही करा लें। हालांकि परीक्षा फार्म किसी तरह भर दिया गया लेकिन इस खामी को सही कराने के लिए भी कहा गया है। स्थानीय सीएससी सेंटर, लालकुआं तहसील, भीमताल के दफ्तरों में जाने बावजूद उनकी इस समस्या का हल नहीं हो पा रहा है। यदि परीक्षा से पूर्व समस्या का समाधान हो गया तो वह बोर्ड फॉर्म में इस अपडेट करवा सकते हैं। भविष्य में इस दस्तावेज की जरूरत को देखते हुए परिजन चिंतित हैं।
आमतौर पर ऐसा नहीं होता है। लाखों मामलों में किसी एक में ऐसा हुआ होगा। जिलाधिकारी स्तर पर विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के दिल्ली मुख्यालय को मेल किया गया है। उनके निर्देश पर पहले किए गए आवेदन को मान्य कर दूसरे को रद्द किया जाएगा। इस दस्तावेज को शीघ्र दुरुस्त कर लिया जाएगा।
-विकास शर्मा, ई-जिला प्रबंधक, नैनीताल









