जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुबीर कुमार की न्यायालय ने चेक बाउंस के आरोपी को न्यायिक मजिस्ट्रेट की ओर से दी गई सजा को निरस्त करते हुए उसे दोषमुक्त करार दिया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपी को चेक बाउंस मामले में एक साल की कैद और 10.3 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई थी।
भारतीय सेना से सेवानिवृत्त गेठिया निवासी संजय सिंह बोहरा ने अपने ही गांव के भुवन सुनरिया पर आरोप लगाया था कि उसने उनसे 11,99्र,623 रुपये की उधार लिए थे। इसके बदले में भुवन ने 13 जनवरी 2022 को 10 लाख का हस्ताक्षरित चेक दिया, जो बाउंस हो गया। मामला निचली अदालत में पहुंचा, जहां 18 अक्तूबर 2023 को आरोपी भुवन सुनरिया को एनआई एक्ट की धारा 138 के तहत दोष सिद्ध मानते हुए न्यायालय ने एक वर्ष की कैद और 10.3 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया।
भुवन ने इस आदेश के खिलाफ जिला जज की न्यायालय में अपील की। दोनों पक्षों, गवाहों और पत्रावलियों का अवलोकन करने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने माना कि एनआई एक्ट की धारा 138 के तहत दोष सिद्धि के लिए धारा 118 और 139 के तहत लेन-देन का विधिक होना आवश्यक है यानी गैरकानूनी कृत्य के लिए चेक का लेनदेन नहीं किया जा सकता। इसी आधार पर जिला जज ने न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के आदेश को निरस्त कर भुवन को दोषमुक्त घोषित कर दिया।