जहा एक ओर भारत आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है लेकिन वही अब भी समाज में कुछ ऐसी चीजें हो रहीं हैं जिससे दिल पसीज उठता है। एक महिला ने अपनी बेटी की शादी के लिए बंधुआ मजदूरी तक करने की पेशकश की। मामला जम्मू के सीमावर्ती इलाके आरएस पुरा का है। उपजिले के एक गांव में एक गरीब मां ने अपनी बेटी की शादी करवाने के लिए सरपंच के पास जिंदगी भर बंधुआ मजदूर बन कार्य करने के लिए प्रस्ताव दिया। महिला ने सरपंच से गुहार लगाई कि उसकी बेटी की शादी होनी है। इसमें 10-12 बराती आएंगे, लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह इनकी सेवा सत्कार कर सके। लिहाजा शादी का प्रबंध कर दें, और वह बदले में बंधुआ मजदूरी करने को तैयार है। वह जब तक जिंदा रहेगी तब तक उसके घर काम करेगी।
झाड़ू- पोछा से लेकर अन्य घरेलू काम करेगी। उसने कहा कि उसका सपना है कि उसकी बेटी की शादी भी उसी प्रकार धूमधाम से हो जिस प्रकार दूसरे लोगों की बेटियों की होती है। हालांकि, गाय का दूध बेचकर परिवार का गुजारा चलता है। घर भी एक कमरे का है। ऐसे में वह शादी के खर्च का प्रबंध करने में सक्षम नहीं है। उसने कोशिश की कि वह खर्चे का प्रबंध कर ले, लेकिन यह नहीं हो पाया। इसके बाद उसने थक हारकर गुहार लगाई है।
सरपंच शाम लाल भगत ने बताया कि महिला की इस पेशकश ने उन्हें हैरत में डाल दिया। महिला को भरोसा दिलाया है कि उसे बंधुआ मजदूर बनने की जरूरत नहीं है। उसकी बेटी की शादी धूमधाम से होगी। सारे लोग मिलकर सहयोग करेंगे। जलपान से लेकर अन्य इंतजाम में हाथ बटाएंगे। हर प्रकार की सहायता भी की जाएगी। वह निश्चिंत होकर शादी की तैयारियों में जुट जाए।