मंकीपॉक्स- भारत में हुई मंकीपॉक्स की एंट्री, कैसे रहें आप सुरक्षित? संक्रमण हो जाए तो क्या करें |
पिछले एक महीने से दुनिया के कई देश खतरनाक मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) संक्रमण का प्रकोप झेल रहे हैं। अफ्रीकी देश कांगो इससे सबसे अधिक प्रभावित है। इसके अलावा यूएस-यूके और पाकिस्तान सहित कई अन्य देशों में भी एमपॉक्स के मामले रिपोर्ट किए जाते रहे हैं। हालिया रिपोर्ट में भारत में भी लोगों को अलर्ट हो जाने की सलाह दी गई है।
रविवार (8 सितंबर) को भारत में मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध रोगी मिला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारियों के मुताबिक उसने हाल ही में मंकीपॉक्स का संक्रमण झेल रहे एक देश की यात्रा की थी। फिलहाल उसे संक्रमण के लिए निर्धारित किए गए अस्पताल में आइसोलेट किया गया है।
गौरतलब है कि कई देशों में पहले से ही बढ़ते संक्रमण के खतरे को देखते हुए भारत पहले से ही अलर्ट पर है। दिल्ली में मंकीपॉक्स से संबधित मरीजों के इलाज के लिए लोक नायक अस्पताल, बाबा साहब आंबेडकर सहित एक अन्य अस्पताल में विशेष वार्ड बनाए हैं। इनके अलावा एम्स और सफदरजंग में भी कक्ष आरक्षित हैं।
चूंकि अब भारत में भी रोगी की पहचान की गई है, इससे लोगों में डर बन गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को संक्रमण से बचाव को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने साझा की जानकारी
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारियों के मुताबिक एमपॉक्स संक्रमण की पुष्टि के लिए संभावित रोगी के सैंपल की जांच की जा रही है। प्रोटोकॉल के अनुसार उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। संभावित स्रोतों की पहचान करने और देश के भीतर जोखिमों का आकलन करने के लिए संपर्क ट्रेसिंग जारी है।
यहां ध्यान देने वाली बात है कि जुलाई-अगस्त में कई देशों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 14 अगस्त को एमपॉक्स को स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था। इससे पहले 2022 में भी एमपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया जा चुका है।
मंकीपॉक्स के बारे में जानकारी आवश्यक
हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने एमपॉक्स के बढ़ते मामलों के लिए इसके नए स्ट्रेन ‘क्लेड आईबी’ को जिम्मेदार माना है। विशेषज्ञों ने कहा इस बात की गंभीर चिंता है कि वायरस म्यूटेट हो रहा है और नए स्ट्रेन पैदा कर रहा है। यह उन देशों में भी रिपोर्ट किया जा रहा है जहां अब तक एमपॉक्स का खतरा नहीं था।
एमपॉक्स (मंकीपॉक्स), मंकीपॉक्स वायरस से होने वाला एक संक्रामक रोग है। इससे दर्दनाक दाने, बढ़े हुए लिम्फ नोड्स के साथ तेज बुखार हो सकता है। इसका प्रकोप मुख्यरूप से समलैंगिक, बाइसेक्सुअल लोगों में अधिक देखा जाता रहा है। आइए जानते हैं कि संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए कौन से उपाय किए जाने जरूरी हैं?
संक्रमण से बचाव के लिए क्या करें?
हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक पोस्ट में बताया, एमपॉक्स का संक्रमण यौन संपर्कों को अलावा प्रभावित वस्तुएं, संक्रमित के निकट संपर्क और शरीर के तरल पदार्थों के माध्यम से भी फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई वस्तुएं जैसे कपड़े, चादर, तौलिए आदि के इस्तेमाल से बचें।
संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थ या घाव के संपर्क में आने से भी संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। सामुदायिक तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
संक्रमण की पुष्टि हो जाए तो क्या करें?
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की सलाह है कि एमपॉक्स की पुष्टि वाले लोगों को बीमारी की अवधि के दौरान घर पर आइसोलेशन में या आवश्यकता होने पर निर्धारित अस्पताल के वार्ड में रहना चाहिए।
संक्रमितों को लंबी आस्तीन या फुल पैंट पहनकर रखना चाहिए जिससे त्वचा के सभी दानों को ढका जा सके। रोगियों को अच्छी तरह से फिट होने वाले सोर्स कंट्रोल (जैसे मेडिकल मास्क) का उपयोग करना चाहिए। घर के अन्य सदस्यों को संक्रमित से उचित दूरी (करीब 6 फीट) बनाकर रखनी चाहिए जिससे ड्रॉपलेट्स और शरीर के अन्य तरल पदार्थों के संपर्क में आने से बचा जा सके। रोगियों के लिए सहायक उपचार आवश्यक है।