
अयोध्या राम नगरी के कई पौराणिक धरोहर को निकल गए भू माफिया इन पर अवैध कालोनियों बना दी गई अब यहां सागर और तालाब के बजाय कंकरीट के जंगल लहरा रहे हैं राम नगरी अयोध्या की पौराणिक सागर का तो अस्तित्व ही खत्म हो चुका है जबकि क्षीर सागर के आसपास भी कॉलोनी विकसित हो गई है अयोध्या को विश्वस्तरीय पर्यटन नगरी बनाने की कार्यवाही शुरू हुई तो प्रशासन को भी इनका होश आया शहर के जलस्रोतो को चिन्हित किया जा रहा है से अवैध कब्जा हटाकर धरोहर को संरक्षित किया जाएगा वैसे तो राम नगरी में जमीन का गोरख धंधा बहुत पहले से ही चल रहा है लेकिन राम मंदिर के हक में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय आते ही जमीन की हेराफेरी तेज हो गई जिसमें जमथार माझा की भूमि पर अवैध प्लाटिंग को लेकर हो हल्ला मचा है 2 साल पहले ही इस ओर किसी का ध्यान नहीं था राम मंदिर निर्माण शुरू होते ही और राम मंदिर के नजदीक होने के चलते चतरा की जमीन अचानक बेशकीमती हो गई माफिया ने इसने अवसर तलाश और जमीनों की हेराफेरी अरबों का वारा न्यारा कर दिया या नहीं भू माफियाओं ने राम नगरी की पुरानी धरोहर को भी नहीं छोड़ा कई सागर वाकुन पाटकर कालोनिया बसा दी गई जिसमें सप्तसागर क्षीर सागर रुक्मणी कुंड आदि का अस्तित्व समाप्त हो चुका है या फिर समाप्त होने की कगार पर है खतौनी में सख्त सागर तालाब में दर्ज है यही हाल क्षीरसागर की भी चेतावनी में है सप्तसागर करीब 2 एकड़ के क्षेत्र में है यह आबादी विकसित हो गई है इसी तरह क्षीरसागर भी तालाब की जमीन है यहां कोर्ट से सिद्ध हो चुका है बावजूद इसके यहां बहुत से लोग मकान दुकान धर्मशाला बनाकर रह रहे हैं