रुद्रपुर से अवैध कटान करके खैर की लकड़ियां हरियाणा की फैक्टिरियों में सप्लाई की जा रही है। महीनों से चल रहे इस गोरखधंधे की भनक वन विभाग के अधिकारियों को लगी तो एक गोपनीय जांच शुरू हुई। तकरीबन एक सप्ताह तक चली जांच में टीम करनाल (हरियाणा) तक पहुंच गई। वहां से बड़े पैमाने पर खैर की लकड़ियों के साथ अन्य अवैध सामग्री बरामद की गई।
वन क्षेत्राधिकारी टांडा रूपनारायण गौतम और वन क्षेत्राधिकारी पीपलपड़ाव पूरनचंद्र जोशी के नेतृत्व में अवैध कटान व सप्लाई की गोपनीय जांच की गई। इसमें उजागर हुआ कि हरियाणा के करनाल में कुछ फैक्टिरियां चोरी की अवैध लकड़ियों की खरीद कर रही हैं। प्रभागीय वनाधिकारी उमेश चंद्र तिवारी ने एसएसपी करनाल से संपर्क किया। इसके बाद 13 वनकर्मियों की टीम ने करनाल के बुटाना ग्राम बैरसाल स्थित केदार हर्बल इंडस्ट्रीज में अभिमन्यु सिंह चौहान के परिसर की तलाशी ली। वहां मौके पर एक 14 पहिया ट्रक खैर की लकड़ी से भरा मिला। इसके अतिरिक्त 222 नग खैर प्रकाष्ठ छीला हुआ बरामद किया गया।
इस दौरान अभिमन्यु सिंह टीम को चकमा देकर मौके से भाग गया। टीम के आकलन के अनुसार मौके पर कुल 250 क्विंटल खैर बरामद हुआ है जिसकी कीमत 10 लाख रुपये आंकी गई। इधर डीएफओ उमेश चंद्र तिवारी ने बताया कि मिसरवाला निवासी अभिमन्यु सिंह चौहान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। इस कार्रवाई में प्रमुख वन संरक्षक रंजन कुमार मिश्र, डॉ. तेजस्विनी अरविंद पाटिल, मुख्य वन संरक्षक कुमांऊ एवं डॉ. साकेत बड़ोला वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त मुख्य रूप से शामिल रहे।









