भारत सरकार ने खिलाड़ियों को नौकरी एवं पदोन्नति देने के नियम जारी किए हैं। गत सप्ताह, सभी मंत्रालयों और विभागों से कहा गया है कि वे इन नियमों के तहत ही खिलाड़ी को नौकरी या पदोन्नति दें। अगर किसी मामले में कोई गलती या चूक सामने आती है, तो उसे डीओपीटी के संज्ञान में लाया जाए। ये नियम रेलवे, एटोमिक एनर्जी विभाग के अंतर्गत आने वाली सेवाओं, इलेक्ट्रॉनिक्स के पूर्व विभाग, अंतरिक्ष विभाग और डिफेंस रिसर्च एंड डेवेलपमेंट के तहत आने वाली वैज्ञानिक एवं तकनीकी सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी केंद्रीय महकमों के सिविल कर्मियों पर लागू होंगे। नियमानुसार, खिलाड़ियों को तीन पदोन्नति भी मिलेंगी। केंद्र सरकार ने नौकरी के लिए 65 खेल तय किए हैं।ऐसा खिलाड़ी, जिसने राज्य या देश का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में प्रतिनिधित्व किया हो। वह खिलाड़ी, जिसने यूनिवर्सिटी और अंतर-यूनिवर्सिटी मुकाबले में प्रतिनिधित्व किया हो। बशर्ते वह मुकाबला इंटर यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स बोर्ड द्वारा आयोजित किया गया हो। वह खिलाड़ी, जिसने अपने स्कूल की टीम का प्रतिनिधित्व राष्ट्रीय खेलों में किया हो। ये खेल ऑल इंडिया स्कूल गेम्स फेडरेशन द्वारा आयोजित होने चाहिए। कोई ऐसा खिलाड़ी, जिसने राष्ट्रीय शारीरिक दक्षता ड्राइव के तहत, शारीरिक दक्षता में नेशनल अवार्ड जीता हो। इनके अलावा संबंधित आवेदक को सरकारी नौकरी के लिए अन्य सभी योग्यताएं, जैसे आयु, शिक्षा व अनुभव आदि पूरी करनी होंगी।
योग्यता पूरी करने वाले खिलाड़ियों की नियुक्ति ग्रुप सी और डी के पदों पर होगी। यहां पर भर्ती के लिए जो नियम तय हैं, उन्हीं के मुताबिक नियुक्ति मिलेगी। सीधी भर्ती के द्वारा ग्रुप ए और ग्रुप बी के पदों पर कोई भी नियुक्ति नहीं की जाएगी। भारत सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, किसी भी वक्त मेरिट वाले खिलाड़ी की नियुक्ति कर सकते हैं। नियुक्ति प्रक्रिया से छूट प्रदान की जा सकती है। ये ध्यान रखा जाए कि सीधी भर्ती के मामले में किसी भी तरह का आरक्षण, कुल पदों का पचास फीसदी से ज्यादा न हो।
हालांकि इन नियमों में समय-समय पर बदलाव होता रहता है। मौजूदा समय में तय नियमावली के तहत ही खिलाड़ियों को सीधी भर्ती का अवसर मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता है, तो उसमें संबंधित खेल संघ के सचिव की तरफ से प्रमाण पत्र जारी होना चाहिए। ऐसे मामले में केवल एक ही प्रमाण पत्र जरूरी बताया गया है। राष्ट्रीय प्रतियोगिता है तो उसमें राष्ट्रीय स्तर पर फेडरेशन के सचिव या संबंधित खेल की राज्य एसोसिएशन के सचिव की तरफ से जारी सर्टिफिकेट होना चाहिए। इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट है, तो डीन स्पोर्ट्स द्वारा सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। इसी तरह स्कूल स्तर पर राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के नियम तय किए गए हैं। यहां पर राज्य के शिक्षा विभाग में निदेशक या अतिरिक्त सचिव, जो खेलों के ओवरआल इंचार्ज होते हैं, उनके द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया जाए। शारीरिक दक्षता ड्राइव के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के सचिव या वह अधिकारी, जो इस तरह की गतिविधियों का ओवरआल इंचार्ज होता है, उसके द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र होना चाहिए।
नौकरी के लिए इन खिलाड़ियों को मिलेगी वरियता
पहली प्राथमिकता उन खिलाड़ियों को मिलेगी, जिन्होंने युवा मामले एवं खेल विभाग की मंजूरी के बाद अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में देश का प्रतिनिधित्व किया हो। इसके बाद अगली वरियता उन खिलाड़ियों को मिलेगी, जिन्होंने जूनियर या सीनियर लेवल की राष्ट्रीय चैंपियनशिप में अपने राज्य/केंद्रशासित प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया हो। इन खेलों में पहले तीन स्थानों पर खिलाड़ी के लिए मेडल जीतना जरूरी है। सीनियर और जूनियर मुकाबले, यानी इन दोनों ही वर्गों में मेडल आता है, तो सीनियर मुकाबले में पदक जीतने वाले खिलाड़ी को नौकरी में प्राथमिकता मिलेगी। अगली वरियता इंटर यूनिवर्सिटी मुकाबले के पदक विजेताओं को दी जाएगी। यहां पर भी खिलाड़ी के लिए पहले तीन स्थानों में पदक लाना जरूरी है। अगली प्राथमिकता, राष्ट्रीय खेलों में स्टेट स्कूल स्तर पर मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को मिलेगी। इसके बाद जो वरियता तय की गई है, वह राष्ट्रीय शारीरिक दक्षता ड्राइव में नेशनल अवार्ड लाने वाले खिलाड़ियों को दी जाएगी।